खेती का नया चेहरा: बागवानी से बदलेगी किस्मत, कम जमीन में करोड़ों की फसल

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बरेली।अब खेती सिर्फ हल और बैलों तक सीमित नहीं रही। तकनीक, नवाचार और सही फसलों के चयन से किसान अब करोड़ों की आमदनी कर रहे हैं। इसी संदेश को लेकर शनिवार को रुहेलखंड विश्वविद्यालय के अटल सभागार में बरेली-मुरादाबाद मंडल स्तरीय बागवानी उन्नयन गोष्ठी आयोजित हुई, जिसका उद्घाटन उत्तर प्रदेश सरकार के उद्यान मंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने किया।

 

गोष्ठी में 50 प्रगतिशील किसानों और उद्यान विभाग के 12 अधिकारियों को उनके योगदान के लिए सम्मानित किया गया। मंत्री सिंह ने अपने संबोधन में कहा, “अब समय आ गया है कि किसान पारंपरिक फसलों से हटकर औद्यानिक खेती की ओर बढ़ें। हापुड़ और मिर्जापुर जैसे जिलों के किसान शिमला मिर्च और स्ट्रॉबेरी की खेती कर एक एकड़ में 15 से 20 लाख रुपये तक कमा रहे हैं। वहीं धान जैसी पारंपरिक फसलों से इतनी आय संभव नहीं।”

 

उन्होंने बताया कि यूपी का आम अब रूस और अमेरिका जैसे देशों में भी लोकप्रिय हो रहा है। मंत्री ने किसानों को डिजिटल साधनों जैसे गूगल आदि की मदद से नई किस्मों और तकनीकों की जानकारी लेने और वैश्विक बाजार तक पहुंचने की सलाह दी।

गोष्ठी में पूर्व निदेशक डॉ. आर.के. तोमर और कुलपति प्रो. के.पी. सिंह ने भी किसानों को परंपरागत सोच से बाहर निकलकर स्मार्ट और लाभकारी खेती अपनाने का सुझाव दिया।

मंत्री ने यह भी जानकारी दी कि सरकार किसानों को खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना पर 35% तक सब्सिडी दे रही है, जिससे किसान सिर्फ कच्चा माल बेचने के बजाय उसे प्रोसेस कर बेहतर मुनाफा कमा सकें।

 

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Author: newsvoxindia

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