बरेली:
थाना क्षेत्र के राजेंद्रनगर निवासी अर्जुन पासवान ने पुलिस को बताया कि लगभग छह महीने पहले वह इज्जतनगर क्षेत्र में मॉर्निंग वॉक करने जाते थे। जहां पर उनकी मुलाकात कुन्दन कुमार नामक युवक के हुई। कुन्दन झारखंड के धनबाद का रहने वाला है, जो उन दिनों बरेली में अपने किसी रिश्तेदार के यहां ठहरा हुआ था। बातचीत में उसने बताया कि उसकी पटना सचिवालय और कई अन्य सरकारी विभागों में गहरी पहुंच है। वह किसी की भी नौकरी लगवा सकता है।
अर्जुन ने अपने बेटे विराट पासवान की नौकरी के लिए कुन्दन से बात की। इस पर कुन्दन ने कहा कि जिन-जिन लोगों की नौकरी लगवानी है, उनके नाम एक साथ दे दें। अर्जुन ने उस पर भरोसा करके बिहार शरीफ में अपने मामा के घर बातचीत की और सुमित नंदन, राजीव कुमार, समीर राज, मुकेश कुमार, लव कुमार, दीपक पासवान और मेघा कुमारी के नाम सुझाए।
सभी की नौकरी लगवाने का सौदा 47 लाख रुपये में तय हुआ। इसके बाद अर्जुन ने अलग-अलग तारीखों में कुन्दन और उसके साथी मनोज कुमार के बैंक खातों में 20 लाख 19 हजार रुपये फोन-पे के जरिये ट्रांसफर किए। इसके अलावा अर्जुन ने 10 लाख रुपये नकद दिए। इसके बाद कुन्दन ने सभी के फर्जी नियुक्ति पत्र रजिस्टर्ड डाक से भिजवाए। किसी को सचिवालय में चपरासी, किसी को क्लर्क, तो किसी को सीआईएसएफ में महिला कांस्टेबल के फर्जी नियुक्त पत्र जारी कर दिए गए।
सभी को अलग-अलग स्थानों पर ट्रेनिंग के लिए भेजा गया। जहां उनसे कहा गया कि नियुक्ति स्थान की जानकारी डाक से जल्द भेजी जाएगी। मगर 15 दिन गुजरने बाद भी कोई पत्र नहीं आया। कुन्दन से संपर्क किया तो वह पहले टालता रहा, फिर उसने अर्जुन का नंबर ब्लॉक कर दिया। ठगी का अहसास होने पर अर्जुन पासवान ने इसकी शिकायत एसएसपी से की। एसएसपी के आदेश पर कुंदन, मनोज कुमार और गौरव के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है।
