लखीमपुर खीरी। धौरहरा वन रेंज क्षेत्र में बीते मंगलवार को पकड़े गए दोनों तेंदुओं की बुधवार देर शाम मौत हो गई। एक ही दिन में दो वन्य जीवों की मौत ने वन विभाग में हड़कंप मचा दिया है, वहीं स्थानीय ग्रामीणों में भी कार्रवाई का डर और पश्चाताप का माहौल देखने को मिल रहा है। विभागीय अधिकारियों ने दोनों मामलों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर मौत के कारणों की पुष्टि कर दी है और नियमानुसार अंतिम संस्कार कर दिया गया है।
जानकारी के मुताबिक, पहला तेंदुआ मंगलवार सुबह धौरहरा रेंज के जटपुरवा गन्ना सेंटर के पास सड़क पर घूमता मिला था। बीमार हालत में उसे देखकर ग्रामीणों ने सेल्फी लेना शुरू कर दिया, जिसके बाद सूचना पर पहुंची वन विभाग की टीम ने उसे जाल से पकड़कर रेंज कार्यालय लाकर इलाज शुरू किया।
वहीं दूसरा तेंदुआ, लगभग पांच साल का नर, बबुरी भट्ठा क्षेत्र में एक युवक पर हमला कर चुका था। उसे बचाने के लिए ग्रामीणों ने ईंट-पत्थरों से पथराव कर दिया, जिससे तेंदुआ घायल हो गया। जब वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची, तो तेंदुआ केले के खेत में छिपा मिला और हमलावर हो गया, जिसमें रेंजर, वन दरोगा राजेश दीक्षित, पीआरवी सिपाही और एक ग्रामीण घायल हो गए। करीब आधे घंटे बाद पहुंची विशेषज्ञ टीम ने तेंदुए को ट्रैंक्विलाइज़ कर रेस्क्यू किया और वन रेंज कार्यालय लाया गया।
दुधवा टाइगर रिजर्व के एफडी डॉ. एच. राजा मोहन के अनुसार, दस माह के तेंदुए की मौत आंतरिक अंगों के फेल होने से हुई, जबकि पांच साल के नर तेंदुए की मौत शरीर पर गहरी चोटों की वजह से हुई। वन चिकित्सक डॉ. दयाशंकर की टीम ने पोस्टमार्टम कर राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) के दिशा-निर्देशों के तहत अंतिम संस्कार कराया।
वन्यजीव विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसी घटनाएं संरक्षण की चुनौतियों को उजागर करती हैं, जहां जनसहभागिता के अभाव में जानवर और इंसान दोनों ही खतरे में आ जाते हैं। घटना के बाद क्षेत्र में सुरक्षा और जागरूकता अभियान की आवश्यकता महसूस की जा रही है।




