शीशगढ़। बेमौसम मूसलाधार बारिश ईंट भट्टों पर कहर बनकर वरसी बारिश से कच्ची ईंट गल जाने से एक बार फिर ईंट भट्टों पर संकट के बादल मंडराने लगे है । कच्ची ईंट बनाने के फड़ो में पानी भर जाने से ईंट भट्टों पर कच्ची ईंट बनाने का काम बंद हो जाने से समस्या गंभीर हो गई है।
ईंटों की कम बिक्री एवं ईंटों के वाजिब दाम न मिलने के कारण इस वर्ष ईंट भट्टे शुरू से ही संकट के दौर से गुजर रहे है। अब बेमौसम मूसलाधार बारिश ने ईंट भट्टों की कमर तोड़ दी है ।
बारिश ने ऐसा कहर बरसाया कि ईंट भट्टों पर बनी हुए कच्ची ईंट का अस्तित्व ही मिट गया ,अब ऐसी स्थिति में ईंट भट्ठा स्वामियों के लिए बड़ा संकट पैदा हो गया है अभी फड़ो में पानी भरा होने से कच्ची ईंट का उत्पादन पूरी तरह बंद हो गया है। पुराने स्टॉक में लगी कच्ची ईंटों से काम चलाया जा रहा है यदि मौसम जल्द ही सही नहीं हुआ तो फिर ईंट भट्टों पर पक्की ईंटों का उत्पादन भी बंद हो जाएगा फिर भट्टों पर ईंट की फूंकाई का कार्य भी बंद करना पड़ेगा जिससे भट्टा स्वामियों को और नुकसान होगा। पिछले तीन सालों से भट्टा उद्योग लगातार घाटे में जा रहा है
