कासगंज एनवीआई रिपोर्टर
कासगंज। गंगा के बढ़ते जलस्तर से तटवर्तीय क्षेत्र के ग्रामीणों को न दिन में चैन है, और न ही रातों में नींद आ रही है। जिले के किसानों की हजारों बीघा फसल जलमग्न होकर इस वर्ष भी बर्बाद हो गई। किसान चिंतित हैं।
भगवान से टिकटिकी लगाए बैठे हैं, कोई राहतगीर आगे आए। मंगलवार को बाढ़ ग्रस्त किसानों की समस्या जानने के लिए राज्य महिला आयोग की सदस्य सोरों के लहरा क्षेत्र में पहुंची। इंस्पेक्टर के साथ नाव में बैठकर भ्रमण किया। बर्बाद फसलों को देखकर किसानों को शासन प्रशासन से मुआवजा दिलाए जाने का आयोग में मुद्दा उठाने का आश्वासन दिया।
राज्य महिला आयोग की सदस्य रेनू गौड़ जिले की सभी समस्याओं को लेकर गंभीर हैं, चाहे बात शिक्षा की हो, स्वास्थ्य की हो, या फिर किसानों की फसल बर्बादी की। मंगलवार को उन्होंने सोरों इंस्पेक्टर जगदीश चंद्र के साथ लहरा में पहुंची। बाढ़ क्षेत्र का दौरा किया। बाढ़ ग्रस्त किसानों से बातचीत की। नाव में बैठकर किसानों की बर्बाद हुई फसलों का भी आंकलन किया।
उन्होंने बताया कि हर वर्ष किसान बाढ़ का दंश झेलते हैं, लेकिन प्रशासन द्वारा बाढ़ कटान के लिए कोई उचित प्रबंधन नहीं किया जाता। इस बर्ष भी बाढ़ ने जमकर तबाही मचाई है। कासगंज और पटियाली तहसील क्षेत्र के पांच दर्जन गांव से अधिक किसानों की फसल नष्ट हो गई है।गांव जलमग्न है।उन्होंने किसानों को हर संभव शासन प्रशासन से मुआवजा दिलाए जाने का भरोसा दिया और अगली वर्ष कटान रोकने के लिए उचित व्यवस्था का आश्वासन दिया।
