ओमकार गंगवार
मीरगंज (बरेली)। पहाड़ी और पश्चिमी मैदानी इलाकों में हुई झमाझम बारिस के चलते अव बरेली जनपद की रामगंगा में तेजी से जलस्तर बढ़ना जारी हो गया है। और गंगा के विकराल रूप लेने से खादर इलाके के खेतों में खड़ी किसानों की हजारों वीघा फसलों में बुरी तरह से जल भराव होने लगा है। जिससे किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें खिंचनी शुरू हो गई हैं।
वहीं दूसरी ओर गांव गोरा लोकनाथपुर रामगंगा घाट पर बने पुल की एप्रोच रोड भी रामगंगा की तेज धार के चलते कट कर गंगा में समाने लगी है। जिससे मीरगंज और आंवला तहसीलों के मध्य आवागमन ठप्प होने के आसारा दिखाई देते नजर आ रहे हैं।
कैलाश गिरी बाबा रामगंगा घाट पर बने पुल की एप्रोच रोड से भी उतरने लगा पानी।
बता दें कि यही नजारा मीरगंज और आंवला क्षेत्र को जोड़ने हेतु बनाये गये कैलाश गिरी बाबा मढ़ी रामगंगा घाट पर बने पुल का है। इस इलाके में भी गंगा के उफान लेने से गांव कपूरपुर और मदनापुर, तातारपुर, आदि गांवों के समीप तक पानी फैलकर पहुंच गया है। और दोनों ही पुल क्षेत्रों में किसानों के द्वारा उगाई गई हजारों वीघा, तिल, गन्ना और धान व उड़द आदि की फसलें जलमग्न हो गयी हैं। इसके अलावा मदनापुर गांव से होकर पुल तक जाने वाली एप्रोच रोड के उपर से भी पानी का वह रहा है। जिससे इस मार्ग पर भी कभी भी आवागम ठप्प हो सकता है। रामगंगा के इस तरह से बिकराल रूप लेने से किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें खिंचना स्वभाविक हो गयी हैं। आसपास के तमाम लोग गंगा के इस नजारे को अपनी आंखों से देखते हुए कांप रहे हैं।
तहसीलदार आशीष कुमार यह बोले-
मीरगंज तहसीलदार आशीष कुमार सिंह का कहना है कि अभी आधिकारिक तौर पर किसी भी डैम से पानी छोड़े जाने की सूचना प्राप्त नहीं हो सकी है। उन्होंने बताया कि मुरादाबाद और विजनौर इलाके की नदी में पानी का स्तर काफी है। हो सकता है कि उधर से ही पानी को छोड़ा गया हो। प्रशासन दोनों जगहों पर पूरी तरह से नजर बनाये हुए है। और हर स्थिति में समस्या से निपटा जायेगा।
