फलाहारी बाबा ने राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू और मुख्यमंत्री योगी नाथ को पत्र भेजकर श्रीकृष्ण जन्म स्थान पर मूल गर्भ में नंदोत्सव मनाने की मांग की है, जिसका संतों ने समर्थन किया है।
फलाहारी बाबा ने राष्ट्रपति और मुख्यमंत्री को भेजे पत्र में कहा है कि कृष्ण जन्माष्टमी के दिन मूल गर्भ में माखन मिश्री का भोग लगाया जाय। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी से कहा है कि आप हिंदुओं के गौरव हैं, आप ही इस उत्तम कार्य को कर सकते हैं। आपने मस्जिद के बगल वाले बंद पड़े पार्क का ताला खुलवाया, आपने यहां बासेड़ा पूजन कराया, आप ही संत समाज की अंतिम उम्मीद हैं।
मालूम हो कि यह वही फलाहारी बाबा हैं जिन्होंने तीन वर्ष पहले संकल्प लिया था कि जब तक मंदिर से मस्जिद नहीं हटेगी तब तक वह भोजन नहीं करेंगे। फलाहारी बाबा कृष्ण जन्मभूमि मंदिर मस्जिद केस में याचिका कर्ता भी हैं। उनकी इस मांग का वृंदावन के संतों ने समर्थन किया है। महामंडलेश्वर रामदास महाराज ने कहा कि माखन मिश्री का भोग तो ठाकुर जी को छप्पन भोग से भी ज्यादा प्रिय है। इसलिए वहां पर भोग प्रसाद जरूर लगना चाहिए।
महंत बालकिशन दास ने कहा कि अबकी बार बृजवासियों की पुकार है कि मूल गर्भ में ही उत्सव होना चाहिए। स्वामी अतुल कृष्ण दास ने कहा कि कृष्ण कन्हैया का जन्त्वो मूल गर्भ गृह में ही होना चाहिए। आचार्य राजेश चतुर्वेदी ने कहा कि हम भोजन कर लेते हैं और ठाकुर जी भूखे रहते हैं। इसलिए मुख्यमंत्री से प्रार्थना है कि अबकी बार नंद उत्सव मूल गर्भ गृह में ही होना चाहिए।
महंत अभीदास महाराज ने कहा कि यह हमारे सभी सनातनी हिंदुओं के लिए बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण बात है कि हम अपने कान्हा के लिए वहां पर माखन मिश्री का भोग नहीं लगा पाते हैं, संत रास विहारी जी महाराज, आचार्य सुमित कृष्ण और अनिल शास्त्री महाराज ने कहा कि सभी सनातनियों की इच्छा है कि अबकी बार माखन मिश्री का भोग और नन्द उत्सव श्री कृष्णा स्थान के मूल गर्भगृह में ही होना चाहिए।
