आदर्श दिवाकर
बरेली। दशकों पूर्व विलुप्त हो चुकी नाहल नदी को एक बार फिर जीवनदान देने की दिशा में प्रशासन ने पहल शुरू कर दी है। शनिवार को जिलाधिकारी अविनाश सिंह, एडीएम (ई) पूर्णिमा सिंह और सीडीओ देवयानी सिंह ने पूरे प्रशासनिक अमले के साथ लभारी गांव के पास नाहल नदी के पुनर्जीवन कार्य का निरीक्षण किया।
यह नदी जनपद रामपुर के बॉर्डर से निकलकर बरेली जनपद के सिंधौली गांव की ओर बहती थी, लेकिन बीते वर्षों में इसका अस्तित्व लगभग समाप्त हो गया था। प्रदेश सरकार ने अब ऐसी विलुप्त होती नदियों के पुनरुद्धार के लिए विशेष योजना बनाई है। इसी क्रम में नाहल नदी के लगभग सात किलोमीटर लंबे हिस्से के कायाकल्प के लिए कार्य प्रारंभ कर दिया गया है।
निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने संबंधित अधिकारियों को कार्य को गुणवत्ता के साथ शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि नदी के पुनर्जीवन से न केवल जलधारण क्षमता बढ़ेगी, बल्कि भविष्य में बाढ़ जैसी समस्याओं से भी राहत मिलेगी। साथ ही इससे किसानों को सिंचाई में भी मदद मिलेगी।
जिलाधिकारी ने यह भी कहा कि नदी के किनारे व्यापक स्तर पर वृक्षारोपण किया जाएगा, जिससे पर्यावरण संरक्षण में भी मदद मिलेगी।
इस मौके पर एसडीएम तृप्ति गुप्ता, तहसीलदार आशीष कुमार, बीडीओ भगवान दास, एडीओ पंचायत वीर पाल आनंद, एसडीओ निखिल जायसवाल, सचिव पियूष कांत गौतम, जेई करुणेश मिश्रा समेत कई अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी मौजूद रहे।
