यूपी के चित्रकूट जनपद में 2017 में प्रेमिका और उसके चार मासूम बच्चों की नृशंस हत्या के मामले में अदालत ने बड़ा फैसला सुनाया है। पांच लोगों की बेरहमी से हत्या करने वाले प्रेमी को फांसी और उसकी पत्नी को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है।
न्यायालय ने दोनों दोषियों पर दो लाख बीस हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है।राजापुर थाना क्षेत्र के अमान गांव में 25 अप्रैल 2017 को कछुआ नाले में दो बच्चियों के शव मिले थे। वहीं कुछ दूरी पर सड़क किनारे एक बालक और एक बालिका के शव बोरियों में बंद पाए गए।
अगले दिन एक तालाब से एक महिला का शव बरामद हुआ। जांच में पता चला कि महिला बिहार के पटना जिले की लालमुनी देवी उर्फ रीना थी और उसके साथ मारे गए बच्चे रीता, संगीता, गीता और किशुन थे।
लालमुनी देवी का पति सत्यानंद मानसिक रूप से बीमार था और दो साल पहले घर छोड़ चुका था। इसी दौरान लालमुनी देवी का संपर्क चित्रकूट के अमवा गांव निवासी अवधेश यादव से हुआ। जब लालमुनी देवी ने अवधेश पर बच्चों के साथ गांव में साथ रहने का दबाव बनाया और पुलिस में शिकायत की धमकी दी, तो अवधेश ने पत्नी मंटू देवी उर्फ कुसुमकली के साथ मिलकर हत्या की साजिश रच डाली।
23 अप्रैल 2017 की रात अवधेश, लालमुनी और उसके चार बच्चों को अमान गांव ले गया। वहां पत्नी के साथ मिलकर चाकू से सभी की गला रेतकर हत्या कर दी गई। शवों को अलग-अलग स्थानों पर फेंक दिया गया था। पुलिस ने घटना का खुलासा करते हुए दोनों आरोपियों को गिरफ्तार किया और न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया।
सरकारी अधिवक्ता श्यामसुंदर मिश्रा, अजय सिंह और सनत कुमार मिश्रा ने अदालत में मजबूत पैरवी की। अपर सत्र न्यायाधीश अनुराग कुरील की अदालत ने अभियोजन पक्ष की दलीलों से सहमत होते हुए गुरुवार को फैसला सुनाया, जिसमें अवधेश यादव को मृत्युदंड और उसकी पत्नी को आजीवन कारावास की सजा दी गई। साथ ही दोनों पर दो लाख बीस हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।
