मथुरा जिला कारागार पहुंची बहनों ने बंदी भाइयों की कलाई पर राखी बांधी और उनसे दोबारा अपराध न करने का वायदा कराया। पहली टोली ने शनिवार सुबह 8.30 से 9 बजे के बीच जेल में प्रवेश किया। इसके बाद अलग-अलग टोलियों में बहनों को प्रवेश दिया गया। जेल प्रशासन ने रक्षाबंधन पर बंदियों को उनकी बहनों से मुलाकात कराने की पूरी व्यवस्था कर ली थी। जेल में राखी, मिठाई और गोला के अलावा अन्य वस्तुओं के ले जाने पर प्रतिबंध रहा।
जेल अधीक्षक अंशुमन गर्ग ने बताया कि रक्षाबंधन के त्योहार पर किसी भी बंदी की कलाई सूनी न रहे, इसके लिए व्यापक व्यवस्था की गई। प्रत्येक टोली में 100 से 200 बहनों को शामिल किया गया। जेल में उन्हें अपने भाइयों से मुलाकात के लिए 30 से 40 मिनट का समय दिया गया। जिससे इस दौरान भाई-बहन रक्षाबंधन का पर्व मनाने के साथ अपने-अपने मन की बात कर सकें।
जेल अधीक्षक ने बताया कि सुरक्षा के लिहाज से जेल पुलिस चौकी पर बैरियर बनाया गया है। यहां चेकिंग के बाद महिलाओं को जिला कारागार के गेट तक जाने दिया गया। गेट पर दोबारा उनकी चेकिंग की गई। इसके बाद जिला कारागार में प्रवेश दिया गया। जेल में राखी, आधा किलो मिठाई, गोला के अलावा अन्य किसी वस्तु को ले जाने पर पूरी तरह प्रतिबंधित रहा।
वहीं, जेल पहुंची बहनों ने अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधकर उनसे वचन लिया है कि वह दोबारा अपराध की दुनिया में कदम नहीं रखेंगे, यही उनका रक्षाबंधन का गिफ्ट होगा। इस पर भाइयों की आंखों में आंसू छलक आए और उन्होंने वायदा किया है कि वह दोबारा जुर्म की दुनिया में अपना कदम नहीं रखेंगे। बहनों ने भाई के माथे पर तिलक लगाया, कलाई पर राखी बांधी और मिठाई खिलाई, और फिर एक-दूसरे के गले मिले।
