पसिद्धयोग शक्ति दरबार ट्रस्ट के तत्वावधान में दिव्य साधना का आयोजन संपन्न
बरेली। आत्मज्ञान कोई कल्पना नहीं, बल्कि अनुभव की यात्रा है — और इस यात्रा की पहली सीढ़ी है क्रियायोग। इसी आध्यात्मिक संदेश के साथ सिद्धयोग शक्ति दरबार ट्रस्ट द्वारा एक दिव्य क्रियायोग साधना का आयोजन किया गया, जिसका मार्गदर्शन परम पूज्य गुरुदेव गोविन्द जी एवं गुरुमां आस्था जी ने किया।
दोपहर 12 बजे आरंभ हुए इस त्रिघंटीय साधना सत्र में गुरुदेव गोविन्द जी ने शक्तिपात की दिव्य तरंगों से साधकों में ऊर्जावान प्रवाह उत्पन्न किया। जैसे-जैसे यह ऊर्जा जागृत हुई, साधकों के शरीर में स्वतः योगिक क्रियाएं, प्राणायाम, ध्यान एवं विविध आसनों की अनुभूति होने लगी। यह अनुभव न केवल शारीरिक, बल्कि मानसिक और आध्यात्मिक शुद्धि का प्रतीक था। गुरुदेव ने स्पष्ट किया कि ये क्रियाएं शरीर और मन में संचित अशुद्धियों को बाहर निकालने की प्रक्रिया हैं, जिससे साधक अंततः आत्मिक शुद्धि की ओर बढ़ता है।
अपने प्रवचन में गुरुदेव ने बताया कि जो व्यक्ति नियमित रूप से क्रियायोग करता है, उसका तन और मन शुद्ध होता चला जाता है और वह आत्मज्ञान की प्राप्ति की ओर अग्रसर होता है, जो जीवन का परम उद्देश्य है। उन्होंने यह भी कहा कि क्रियायोग अत्यंत सरल है — केवल गुरु के सान्निध्य की आवश्यकता होती है। शक्ति जागरण के साथ ही क्रियाएं स्वतः प्रारंभ हो जाती हैं और साधक को अद्भुत आंतरिक आनंद की अनुभूति होती है। हालांकि, यह भी सत्य है कि हर कोई इस योग को नहीं कर पाता; केवल वही व्यक्ति इस साधना को अपनाता है, जो अपने जीवन को उच्चतर आयामों पर ले जाने का संकल्प रखता है।
गुरुमां आस्था जी ने कहा कि क्रियायोग में निरंतरता ही सफलता की कुंजी है। प्रतिदिन अभ्यास करना, गुरु के प्रति श्रद्धा बनाए रखना और गुरु से जुड़े रहना — यही इस साधना का मूल मंत्र है।
साधना सत्र के पश्चात योगेश्वर बाबा बटुकनाथ एवं मां संतोषी की प्रार्थना व आरती का आयोजन हुआ। जिन साधकों ने भोग अर्पित किया था, उन्होंने सभी को प्रसाद वितरण किया और गुरुदेव व गुरुमां से आशीर्वाद प्राप्त किया।
इस दिव्य आयोजन में बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे। साधकों में शशि मिश्रा, कमल मेहरोत्रा, राजीव शर्मा, पुष्पी शर्मा, मधुरलता वर्मा, स्वजल कपूर, विमल मेहरोत्रा, अवनीश मिश्रा, रिचा मेहरोत्रा, अंशिका अग्रवाल, उत्कर्ष अग्रवाल, स्वाति अग्रवाल, मुनीश राजपूत, कंचन अग्रवाल, अमर सिंह, पूनम अग्रवाल, विपिन शंखधर, धर्मेंद्र सिन्हा सहित कई अन्य साधक सम्मिलित हुए।
