कमलेश शर्मा
उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले में धर्म परिवर्तन कराने वाले गिरोह का बड़ा खुलासा हुआ है। पुलिस ने इस गिरोह के तीन प्रमुख सदस्यों को गिरफ्तार किया है, जिनमें एक महिला भी शामिल है। पुलिस अधीक्षक राजेश द्विवेदी ने बताया कि गिरोह को देश-विदेश के कई ईसाई मिशनरी ट्रस्टों से करोड़ों रुपए की आर्थिक मदद मिल रही थी।
थाना सिधौली क्षेत्र में हिंदूवादी संगठनों की शिकायत पर शुरू हुई जांच में सामने आया कि कस्बे में रहने वाली किरन जोशुआ के घर लोगों को पूजा-पाठ के नाम पर बुलाया जाता था। संतान प्राप्ति, बीमारी और गृहक्लेश से परेशान लोगों को चमत्कारिक उपाय के नाम पर मानसिक रूप से प्रभावित किया जाता और फिर उन्हें ईसाई धर्म अपनाने के लिए प्रेरित किया जाता था।
पुलिस ने पहले चरण में किरन समेत पांच लोगों को गिरफ्तार किया था। जांच को आगे बढ़ाते हुए गिरोह के अन्य सदस्यों को भी पकड़ा गया। पूछताछ में आरोपियों ने स्वीकार किया कि उन्हें “जीसस रेडीमेड” (तमिलनाडु), “द पाकेट सिस्टामेट” व “मिशनरी यूपी होल्ड” (मुंबई) जैसे ट्रस्टों से आर्थिक सहयोग मिलता है।
पुलिस जांच में सामने आया कि आरोपी पदम नाभन के खाते में 25 लाख 27 हजार रुपये जबकि जीसस रेडीमेड ट्रस्ट के खाते में 2017 में खोलते ही 4.60 करोड़ रुपये जमा हुए थे। पुलिस अब यह पता लगाने में जुटी है कि इन ट्रस्टों को फंडिंग विदेश से तो नहीं हो रही।
गिरफ्तार आरोपियों में पदम नाभन (तमिलनाडु), किरन जोशुआ (लखीमपुर खीरी) और अशनीत कुमार (शाहजहांपुर) शामिल हैं। पुलिस ने बताया कि अब तक सात लोगों को ईसाई धर्म में परिवर्तित किया जा चुका है। मामले की जांच जारी है।
