बरेली। मेडिकल कॉलेज की बजाय निजी अस्पताल में भर्ती कराए जाने से एक हृदय रोगी की जान चली गई। आरोप है कि यह सब कमीशनखोरी के कारण हुआ। मृतक के परिजनों की शिकायत पर डॉक्टर, एम्बुलेंस चालक और अस्पताल कर्मचारियों के खिलाफ इज्जतनगर थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई है।
घटना तीन अगस्त 2023 की है। उत्तराखंड के ऊधमसिंह नगर निवासी उमेश कुमार ने बताया कि उनके पिता भोला प्रसाद को सीने में तेज दर्द हुआ तो वह उन्हें रामपुर के नारायण अस्पताल ले गए। जांच के बाद डॉक्टरों ने मरीज की हालत गंभीर बताकर भोजीपुरा स्थित मेडिकल कॉलेज रेफर किया।
उमेश ने बताया कि वह नारायण अस्पताल की एम्बुलेंस से पिता को मेडिकल कॉलेज ले जा रहे थे, लेकिन चालक फूल सिंह ने रास्ते में उन्हें बहकाकर इज्जतनगर मिनी बाईपास स्थित राधिका सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल एंड ट्रॉमा सेंटर में भर्ती करवा दिया। उमेश के विरोध के बावजूद चालक ने उन्हें यह कहकर रोक लिया कि यहां बेहतर इलाज मिल जाएगा।
अस्पताल में डॉ. विवेक गुप्ता ने मरीज को मामूली समस्या बताकर भर्ती कर लिया, जबकि मरीज को हार्ट अटैक था और अस्पताल में कोई हृदय रोग विशेषज्ञ उपलब्ध नहीं था। इलाज में लापरवाही और टालमटोल के चलते भोला प्रसाद की हालत बिगड़ती गई और आखिरकार उनकी मौत हो गई।
परिजनों ने एसएसपी अनुराग आर्य से पूरे मामले की शिकायत की। आदेश पर इज्जतनगर पुलिस ने एम्बुलेंस चालक फूल सिंह, डॉक्टर विवेक गुप्ता और अन्य अस्पताल कर्मचारियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
