भगवान स्वरुप राठौर
शीशगढ़। लोकसभा चुनाव का तीसरा चरण जैसे जैसे नजदीक आ रहा है जनता अपने मुद्दे भी प्रत्याशियों के सामने रखने लगी है।चुनाव के समय तो जनता का इस्तेमाल केवल वोट के लिए किया जाता है।लेकिन चुनाव जीतने के बाद फिर कोई पलटकर नही देखता है। ऐसा ही एक मुद्दा शीशगढ़ कस्बे में डिग्री कालेज की स्थापना को लेकर है ।शीशगढ़ कस्बे की आबादी करीब 50 हजार है। इतनी बड़ी आबादी में भी कोई डिग्री कालेज न होना अपने आप में कई पैदा करता है ।
यहां की बालिकाएं इण्टर तक तो शिक्षा ग्रहण कर लेती है, लेकिन उसके बाद ग्रेजुएट ,पोस्ट ग्रेजुएट की शिक्षा हासिल करना एक सपना बनकर रह जाता है। क्योंकि पूरे कस्बे में एक भी डिग्री कॉलेज नहीं है। कस्बे के अलावा आस पास के गांवों के लोगों को उच्च शिक्षा के लिए शीशगढ़ से 35 किमी दूर मीरगंज में डिग्री कॉलेज जाना पड़ता है। लेकिन बालिकाएं फिर भी नहीं पहुंचती हैं।नतीजतन बालिकाएं उच्च शिक्षा से वंचित रह जाती है।
समाजसेवी हाजी अब्दुल सलाम शास्त्री ने बताया कि कस्बे में बालिकाओं की उच्च शिक्षा के लिए कोई भी पी जी कालेज न होना बड़ी शर्म की बात है। जनप्रतिनिधियों ने भी अब तक इस और ध्यान नहीं दिया। जिस कारण कस्बे में बालिकाओं की उच्च शिक्षा का स्तर लगातार गिरता जा रहा है। जनप्रतिनिधि भी चुप्पी साधकर बैठे है किसी ने भी इस गंभीर समस्या की ओर ध्यान ही नहीं दिया। अब जनता जागी है अपना हक मांगने के लिए पहल कर रही है।
समाजसेवी त्रिमल सिंह राठौर ने लोकभारती संवाददाता को बताया कि मुस्लिम बाहुल्य कस्बे में इंटर के बाद शिक्षा ग्रहण करने के लिए कुछ भी नही है। मजबूरन बालिकाओं को इंटर तक की शिक्षा ही नसीब हो पाती है। उच्च शिक्षा का साधन न होने से बालिकाओं की शिक्षा पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है।
सरस्वती शिशु विद्या मंदिर प्रबंधक महेंद्र हिन्दू बताते है कि बालिकाओं की उच्च शिक्षा के लिए पी जी कालेज की स्थापना की मांग लम्बे समय से की जाती रही है। लेकिन शिक्षा की तरफ जनप्रतिनिधि अपनी आंखें मूंदकर बैठे रहे है हर वर्ग की बालिकाओं के लिए उच्च शिक्षा हासिल करना महज एक सपना बनकर रह गया है।
चेयरमैन नगर पंचायत शीशगढ़ नीलोफर कहती है कि वह स्वयं भी साइंस ग्रेजुएट हूं उन्होंने कस्बे की बालिकाओं के दर्द को समझा है। यहां पर बालिकाओं की उच्च शिक्षा के लिए कोई भी शिक्षण संस्थान न होना यहां के जनप्रतिनिधियों के लिए बड़ी शर्म की बात है।किसी भी सांसद,विधायक ने आधी आबादी के लिए कुछ नहीं किया केबल उनको शिक्षा से वंचित किया गया है। हमने आधी आबादी के दर्द को समझा कस्बे में राजकीय इण्टर कालेज का निर्माण कराया है।जो पूरा हो चुका है। शिक्षण कार्य चालू शिक्षा सत्र से शुरू हो जाएगा ।चेयरमैन नगर पंचायत शीशगढ़ नीलोफर कहती है कि वह स्वयं भी साइंस ग्रेजुएट हूं उन्होंने कस्बे की बालिकाओं के दर्द को समझा है। यहां पर बालिकाओं की उच्च शिक्षा के लिए कोई भी शिक्षण संस्थान न होना यहां के जनप्रतिनिधियों के लिए बड़ी शर्म की बात है।
किसी भी सांसद,विधायक ने आधी आबादी के लिए कुछ नहीं किया केवल उनको शिक्षा से वंचित किया गया है। हमने आधी आबादी के दर्द को समझा कस्बे में राजकीय इण्टर कालेज का निर्माण कराया है।जो पूरा हो चुका है। शिक्षण कार्य चालू शिक्षा सत्र से शुरू हो जाएगा ।
