लखनऊ। आगरा : यूपी पुलिस ने एक अंतरराज्यीय धर्मांतरण गिरोह का पर्दाफाश करते हुए 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। ‘मिशन अस्मिता’ नामक इस विशेष अभियान को आगरा कमिश्नरेट पुलिस ने अंजाम दिया, जिसमें 50 सदस्यीय पुलिस टीम ने छह राज्यों—उत्तर प्रदेश, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, उत्तराखंड और दिल्ली—में एक साथ छापेमारी की।
यह गिरोह किशोरियों को प्रेमजाल में फंसाकर ‘लव जिहाद’ के जरिए जबरन धर्मांतरण कराता था। डीजीपी राजीव कृष्ण के अनुसार, इस गिरोह का नेटवर्क आतंकी संगठन आईएसआईएस की कार्यप्रणाली से मेल खाता है।
गिरोह के तार एसडीपीआई, पीएफआई और पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई से भी जुड़े पाए गए हैं। जांच में यह भी सामने आया कि यह गिरोह सैकड़ों लोगों का जबरन धर्मांतरण कर चुका है।
गिरोह तीन स्तरों पर काम करता था—एक समूह विदेशों से फंड जुटाता, दूसरा लोगों को कट्टरपंथ की ओर धकेलता, जबकि तीसरा उन्हें छिपाने और कानूनी मदद दिलाने की जिम्मेदारी संभालता था। एक पीड़िता की तस्वीर भी सामने आई है जिसमें वह एके-47 के साथ दिख रही है, जिससे मामले की गंभीरता और खतरनाक मंशा उजागर होती है।
पुलिस कमिश्नर दीपक कुमार ने बताया कि इस गिरोह का खुलासा उस वक्त हुआ जब आगरा से दो बहनें लापता हो गईं और जांच के दौरान इनके तार कई राज्यों से जुड़ते पाए गए।
इसके बाद 11 टीमों में बंटे पुलिस दल ने देशभर में छापेमारी कर 10 आरोपियों को पकड़ा, जिनमें गोवा, कोलकाता, आगरा, मुजफ्फरनगर, देहरादून, जयपुर और दिल्ली के निवासी शामिल हैं।
पुलिस को अमेरिका, कनाडा और दुबई से फंडिंग के सबूत भी मिले हैं। मास्टरमाइंड की गिरफ्तारी हो चुकी है और नेटवर्क से जुड़े बाकी लोगों की तलाश जारी है।
