बरेली में ब्लैक फ्राइडे , मांझा बनाते हुए विस्फ़ोट में तीन की गई जान, कई की बची जान

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बरेली। किला थाना क्षेत्र के बाकरगंज में शुक्रवार को हुए मांझा कारखाने में जोरदार विस्फोट में कारखाना मालिक सहित दो मजदूरों की मौत हो गई। घटना से क्षेत्र में हड़कंप मच गया । लोग तेज आवाज सुनकर घर से बाहर आ गए । तब पता चला कि हादसा हुआ है। घटना में कारखाना मालिक अतीक रजा का मौत के साथ  एक हाथ विस्फ़ोट में उड़कर  दूसरे घर मे जा गिरा । साथ ही फैजान की भी मोके पर मौत हो गई। सरताज की मौत बरेली के जिला अस्पताल में इलाज के दौरान हो गई।
बताया जा रहा है कि आज जुमा का दिन था आमतौर पर एक दर्जन से अधिक लोग काम किया करते थे पर सरताज और फैजान अपने हिसाब के रुपये लेने गए थे इसी दौरान अतीक ने कुछ एक्स्ट्रा काम करने को कह दिया । इसी दौरान विस्फोट हो गया जिसमें अतीक रजा (45)फैजी (24)सरताज( 25)की मौत हो गई।घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे। प्रारंभिक जांच में सामने आया कि फैक्ट्री में पतंग के मांझे के निर्माण का कार्य किया जाता है।
एसएसपी अनुराग आर्य ने बताया कि शुक्रवार सुबह थाने पर विस्फोट में दो लोगों की मरने की सूचना आई थी। इस घटना में उनके और डीएम बरेली द्वारा मौका मुआयना किया गया । घटना में परिजनों से बातचीत की गई पता चला कि यह लोग देशी मांझा कांच पाउडर, सल्फर , चावल , कलर से मांझा बनाते थे ।
इस दौरान एक छोटा विस्फ़ोट हुआ जिसमें दो लोगों की मौके पर मौत हो गई , एक व्यक्ति की इलाज के दौरान मौत हो गई। इस तरह घटना में तीन लोगों की मौत हुई है। जल्द घटना क्षेत्र में इस तरह की ना हो जागरूक अभियान चलाया जाएगा।
दस साल पहले भी हुआ हादसा
बरेली के बाकर गंज में यह कोई पहला हादसा नहीं है। करीब 10 साल पहले भी यहां हादसा हुआ था जहां दो लोगों की मौत हुई थी । इसके बाद शुक्रवार को फिर बरेली के बाकर गंज में हादसा हो गया। गनीमत रही कि कारखाने में आज केवल 3 ही लोग आये थे आमतौर पर अतीक के कारखाने में 12 से 15 मजदूर काम किया करते थे।
फैजान के बहन का तय होना था रिश्ता 
फैजान की मौसी ने बताया कि फैजान की बहन का शुक्रवार को रिश्ता तय होना था , मेहमान आने वाले थे । आज वह अतीक के पास अपने काम के रुपये लेने गया था । इसी दौरान कारखाने में  विस्फोट हो गया और उसकी जान चली गई।
सरताज अपने घर का था अकेला कमाने वाला
सरताज का परिवार बाकरगंज में गढ़ी चौकी के पास आकर  किराये के मकान में रहता है। पिता छोटा मोटा काम कर लेते है पर पूरे परिवार का खर्चा सरताज उठाया करता था । सरताज की माँ  के मुताबिक वह घर यह कहकर गया था अम्मी वह मजदूरी लेकर घर अभी वापस आ रहा है उसके बाद खाना खायेगा। उसे नहीं पता था ऐसा हो जाएगा बरना अपने बच्चे को नहीं जाने देती।
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Author: newsvoxindia

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