बरेली की सदर तहसील क्षेत्र में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के 70 मतदान केंद्रों पर वृहद मतदाता पुनरीक्षण कार्य के दौरान 70 शिक्षक बीएलओ ड्यूटी से रहे। ड्यूटी से गायब रहने वाले इन शिक्षकों ने ना पुनरीक्षण सामग्री प्राप्त की है, और न ही प्रशिक्षण लिया। इस पर एसडीएम सदर प्रमोद कुमार ने सभी 70 शिक्षकों का अग्रिम आदेशों तक वेतन रोक दिया है। साथ ही रिपोर्ट दर्ज कराने की संस्तुति करके रिपोर्ट बीएसए को भेज दी है।
राज्य निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार त्रिस्तरीय पंचायत सामान्य निर्वाचन 2026 के लिए पंचायत निर्वाचक नामावलियों के बृहद पुनरीक्षण कार्य के लिए एसडीएम सदर कार्यालय से 25 जुलाई को कर्मचारियों की सुपरवाइजर और बीएलओ की ड्यूटी मतदान केंद्र/मतदेय स्थलों पर लगाई गई है। इनमें से 70 शिक्षकों ने ना ही बीएलओ सामग्री ली और न ही प्रशिक्षण लिया।
19 अगस्त से वृहद पुनरीक्षण कार्य आरंभ होना है, लेकिन ब्लॉक क्यारा, भोजीपुरा, बिथरी चैनपुर, फतेहगंज पश्चिमी की ग्राम पंचायतों के 70 मतदान केंद्रों पर तैनात किए गए 70 कर्मचारियों ने बुधवार तक निर्वाचन सामग्री प्राप्त नहीं की। एसडीएम सदर के अनुसार इन कर्मचारियों को ड्यूटी प्राप्त करने के लिए संबंधित खंड शिक्षा अधिकारियों के माध्यम से कई बार सूचना दी जा चुकी है।
राज्य निर्वाचन आयोग के आदेशों की अवहेलना और निर्वाचन कार्य में लापरवाही बरतने के कारण सूची में दर्ज समस्त कर्मचारियों के विरुद्ध अग्रिम आदेशों तक वेतन रोकने और प्राथमिकी दर्ज करने की संस्तुति की गई। बीएसए से इन कर्मचारियों के विरुद्ध कार्रवाई कराकर सूचना एसडीएम कार्यालय को उपलब्ध कराने को भी कहा गया है।
वेतन रोके जाने और रिपोर्ट दर्ज किए जाने की संस्तुति का पता लगने के बाद आरोपी शिक्षकों में खलबली मच गई है। कुछ ने खुद को बचाने के लिए अपने राजनीतिक आकाओं की शरण ली है। कुछ शिक्षक नेताओं से गुहार लगा रहे हैं। मामला जिला प्रशासन और चुनाव आयोग से जुड़ा होने की वजह से कोई मदद करने की हामी नहीं भर पा रहा है।
