पीलीभीत: अफसरों को गुमराह कर DPRO कार्यालय में फिर संबद्ध हुआ बाबू, सफाई कर्मियों ने किया प्रदर्शन

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पीलीभीत

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जिले के डीपीआरओ दफ्तर में तैनात बाबू महेश कुमार का सम्बद्धीकरण निरस्त कराने की मांग को लेकर बुधवार को सफाई कर्मचारियों ने विकास भवन में जोरदार प्रदर्शन कर हंगामा किया। प्रदर्शन के बाद सफाई कर्मचारी संघ की ओर से सीडीओ को ज्ञापन दिया गया। आरोपी बाबू का सम्बद्धीकरण निरस्त न होने पर सफाई कर्मियों ने कार्य बहिष्कार कर धरना प्रदर्शन करने की चेतावनी दी है।

 

जिला विकास अधिकारी ने छह दिन पहले जिला ग्राम्य विकास अभिकरण के वरिष्ठ सहायक महेश कुमार को डीपीआरओ कार्यालय से सम्बद्ध किया था। उनके सम्बद्धीकरण की जानकारी लगते ही पंचायतीराज ग्रामीण सफाई कर्मचारी संघ भड़क उठा। इधर सफाई कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष धर्मपाल सिंह के नेतृत्व में तमाम सफाईकर्मी विकास भवन पहुंचे। यहां पदाधिकारियों की अगुवाई में सफाई कर्मियों ने सीडीओ राजेंद्र कुमार श्रीवास को ज्ञापन सौंपा।

ज्ञापन में कहा गया कि वर्ष 2011-12 में महेश कुमार को डीपीआरओ कार्यालय से सम्बद्ध किया गया था। उस दौरान सफाईकर्मियों का स्थापना पटल मिलने के बाद सफाई कर्मियों का उत्पीड़न करने के आरोप में सम्बद्धीकरण निरस्त कर वापस मूल विभाग में भेज दिया गया था। वर्ष 2020-21 में पुन: सीडीओ के अनुमोदन के बाद उक्त बाबू को डीपीआरओ कार्यालय से सम्बद्ध कर दिया गया और सफाई कर्मियों का स्थापना पटल दे दिया गया। इसके बाद पुन: बाबू ने सफाई कर्मियों का उत्पीड़न शुरू कर दिया।

बताते हैं कि विवादित कार्यशैली को देखते वर्ष 2022 में तत्कालीन डीपीआरओ सुबोध जोशी ने महेश कुमार को पटल से कार्यमुक्त कर दिया था। बताते हैं कि उस वक्त सफाई कर्मचारियों से सुविधा शुल्क की वसूली से जुड़ा प्रकरण उनके संज्ञान में आया था। मगर कुछ समय बाद ही डीपीआरओ का ट्रांसफर होते ही उक्त बाबू ने सफाई कर्मियों को पटल अपने कब्जे में ले लिया। उस दौरान मामला तत्कालीन डीएम के संज्ञान में भी आया था। जिसके बाद तत्कालीन डीडीओ ने महेश कुमार को डीपीआरओ कार्यालय से विकासखंड बीसलपुर भेज दिया गया।

तत्कालीन डीएम का स्थानांतरण होते ही फरवरी 2024 में आरोपी बाबू ने साठगांठ करके दोबारा डीपीआरओ कार्यालय में अपना सम्बद्धीकरण करा लिया। मामला अपर मुख्य सचिव पंचायत राज के संज्ञान में आया तो उन्होंने महेश कुमार का सम्बद्धीकरण समाप्त कर मूल विभाग में वापस भेजने के आदेश दिए थे। जिस पर आरोपी बाबू को मूल विभाग में वापस भेज दिया गया। आरोप है कि सीडीओ केके सिंह का स्थानांतरण होते ही अफसरों को गुमराह कर बाबू महेश कुमार ने फिर डीपीआरओ कार्यालय से सम्बद्धीकरण करा लिया।

आरोप है कि बाबू महेश कुमार बार-बार डीपीआरओ कार्यालय में आने का प्रयास करता रहता है। कर्मचारियों का शोषण करने वाले महेश कुमार का डीपीआरओ कार्यालय से सम्बद्धीकरण समाप्त करते हुए किसी अन्य कर्मचारी को तैनात किया जाए। ज्ञापन में जल्द सम्बद्धीकरण समाप्त न होने की दशा में जिले भर के सफाईकर्मियों द्वारा कार्य बहिष्कार कर धरना प्रदर्शन करने की चेतावनी दी है। प्रदर्शन करने वालों में जिलाध्यक्ष धर्मपाल सिंह, जिला महामंत्री अजय बाबू बाल्मीकि, दिनेश भारती, दीनानाथ, माजिद अली आदि सफाईकर्मी थे।

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Author: newsvoxindia

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