रामपुर। समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री आज़म खान ने एक बार फिर अपने स्पष्ट और बेबाक अंदाज़ में बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि अब उनकी मुलाकात सिर्फ समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से ही होगी और अखिलेश यादव भी केवल उनसे ही मिलेंगे। आज़म खान ने कहा कि अखिलेश यादव उनकी सेहत और खैरियत जानने रामपुर आ रहे हैं, जो उनका हक भी है।
आजम खान ने अपनी आर्थिक स्थिति पर खुलासा करते हुए बताया कि उन पर एक ही मुकदमे में 34 लाख रुपये का जुर्माना लगा है। उन्होंने कहा, “मैं जनता से अपील करता हूं कि कोई मेरा घर खरीद ले ताकि मैं यह जुर्माना भर सकूं। मुझे एक मुकदमे में 21 साल की सजा और 34 लाख का जुर्माना दिया गया है। चोर नहीं हूं, मगर डकैती की धाराओं में सजा मिली है।”
राजनीतिक रिश्तों पर पूछे गए सवालों पर आज़म खान ने कहा कि वह सपा सांसद एसटी हसन से जल्द मुलाकात करेंगे और उनके साथ कोई नाराजगी नहीं है। वहीं, रामपुर सांसद मोहिबुल्लाह नदवी के सवाल पर उन्होंने कहा कि वह उन्हें नहीं जानते।
इस दौरान मीडिया से बातचीत मे एक रिपोर्टर ने उनसे सवाल किया तो आज़म खान भड़क उठे। उन्होंने कहा, “आप दलाली करते हैं, पुलिस की मुखबिरी करते हैं, लोगों पर डंडे पड़वाते हैं, गोली चलवाते हैं। ऐसे सवाल आपको शोभा नहीं देते, मैं आपके सवाल का जवाब नहीं दूंगा।”
आज़म खान ने आगे कहा कि वह अब भी जनता के साथ हैं और जनता ही उनकी “दवा” है। उन्होंने कहा कि सियासत में उनका सफर अब जनता की सेवा और सच्चाई के रास्ते पर ही जारी रहेगा।
गौरतलब है कि अखिलेश यादव बुधवार को रामपुर पहुंचेंगे और आज़म खान से मुलाकात करेंगे। दोनों नेताओं की यह मुलाकात राजनीतिक रूप से अहम मानी जा रही है।
दो पैन कार्ड में मामले में कोर्ट करेगा सुनवाई
समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आज़म खान की कानूनी परेशानियां लगातार बढ़ती जा रही हैं। सुप्रीम कोर्ट ने अब्दुल्ला आज़म के दो पैन कार्ड मामले में आज़म खान की याचिका को खारिज कर दिया है।
अब यह मामला रामपुर की स्पेशल एमपी-एमएलए कोर्ट में चलेगा। आज़म परिवार निचली अदालत में सुनवाई पर रोक लगवाना चाहता था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उनकी अपील ठुकरा दी। अब इस मामले में आज़म खान और उनके बेटे अब्दुल्ला आज़म को कोर्ट में पेश होना पड़ सकता है।
इस फैसले के बाद आज़म खान की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं, क्योंकि पहले से ही उन पर कई मुकदमे दर्ज हैं और एक मामले में 34 लाख रुपये के जुर्माने और 21 साल की सजा सुनाई जा चुकी है।
