सिटी मजिस्ट्रेट कार्यालय में बाबा साहब की फोटी ना देख भीम आर्मी भड़की ,यह है पूरा मामला

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बरेली। 17 अगस्त को भीम आर्मी चीफ और सांसद नगीना चंद्रशेखर आजाद के प्रस्तावित कार्यक्रम को अनुमति न मिलने के बाद गुरुवार  को भीम आर्मी के कार्यकर्ता सिटी मजिस्ट्रेट अलंकार अग्निहोत्री के कार्यालय पहुंच गए।

 

कार्यालय में प्रवेश करते ही कार्यकर्ताओं की नजर हनुमान जी की तस्वीर पर पड़ी, जिस पर उन्होंने नाराजगी जताते हुए सवाल किया कि यहां डॉ. भीमराव अंबेडकर की मूर्ति या तस्वीर क्यों नहीं है। इस पर सिटी मजिस्ट्रेट ने जवाब दिया कि यह उनका निजी कार्यालय है। यह सुनकर कार्यकर्ताओं का गुस्सा और भड़क उठा और उन्होंने मौके पर ही सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का हवाला देना शुरू कर दिया।

 

इस बीच, सूचना मिलते ही भीम आर्मी के कई नेता भी मौके पर पहुंच गए और सिटी मजिस्ट्रेट कार्यालय का घेराव कर दिया। नेताओं ने मौके पर ही चंद्रशेखर आजाद के कार्यक्रम की अनुमति न देने का मुद्दा उठाया।

 

मामला तूल पकड़ते देख क्षेत्राधिकारी (सीओ) आशुतोष शिवम मौके पर पहुंचे और दोनों पक्षों के बीच बातचीत कर स्थिति को शांत कराने की कोशिश में जुट गए।

 

 सिटी मजिस्ट्रेट कार्यालय में लगी अंबेडकर और गांधी जी की तस्वीरें

सिटी मजिस्ट्रेट अलंकार अग्निहोत्री के कार्यालय में  भीम आर्मी के विरोध के बाद बदलाव देखने को मिला। करीब दो घंटे तक चले हंगामे और बहस के बाद संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की तस्वीरें कार्यालय में लगाई गईं।गौरतलब है कि 17 अगस्त को भीम आर्मी चीफ और सांसद नगीना चंद्रशेखर आजाद के प्रस्तावित कार्यक्रम की अनुमति न मिलने पर कार्यकर्ता सिटी मजिस्ट्रेट कार्यालय पहुंचे थे।

वहां हनुमान जी की तस्वीर देखकर उन्होंने अंबेडकर की फोटो न होने पर आपत्ति जताई थी। इस पर विवाद बढ़ा और सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का हवाला देते हुए कार्यकर्ताओं ने तस्वीर लगाने की मांग करने लगे।दो घंटे के विवाद के बाद प्रशासन ने मांग मानते हुए अंबेडकर और गांधी जी की तस्वीरें कार्यालय में लगा दीं। इसके बाद भीम आर्मी के नेता और कार्यकर्ता शांतिपूर्वक वहां से रवाना हो गए।

 

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Author: newsvoxindia

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