समाजवादी पार्टी के नेताओं और सिविल लाइंस में रहने वाले व्यापारी श्याम कृष्ण गुप्ता के बीच पिछले तीन दिनों से चल रहे विवाद पर रविवार देर शाम विराम लग गया। सपा नेताओं और परिवार वालों की मौजूदगी में दोनों पक्षों के बीच हुए समझौते के बाद व्यापारी ने कोतवाली में दी तहरीर वापस ले ली है।
व्यापारी श्याम कुष्ण गुप्ता का मकान सिविल लाइंस में समाजवादी पार्टी कार्यालय के पास है। तीन दिन पहले 24 जुलाई को सपा कार्यालय के सामने गाड़ी खड़ी करने को लेकर सपा नेताओं और व्यापारी श्याम कृष्ण गुप्ता के बीच कुछ कहासुनी हो गई थी। आरोप है कि सपा छात्रसभा के अध्यक्ष अविनाश मिश्रा और सपा जिला सचिव बृजेश श्रीवास्तव ने व्यापारी श्याम कृष्ण गुप्ता के साथ हाथापाई भी की थी। शुक्रवार को दोनों पक्षों के बीच हुई कहासुनी का वीडिया सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।
वायरल वीडियो देखने के बाद समाजवादी पार्टी के विरोधी गुट के नेता सक्रिए हो गए और उन्होंने मामले को तूल देना शुरू कर दिया, जिससे मामला मीडिया तक पहुंच गया। रविवार को व्यापारी श्याम कृष्ण ने समाजवादी पार्टी के चार नेताओं के नाम शामिल करते हुए कोतवाली जाकर तहरीर दे दी। कोतवाली पुलिस ने व्यापारी का जिला अस्पताल में मेडिकल परीक्षण कराया। हालांकि मेडिकल में कोई गंभीर चोट नहीं आई।
रविवार शाम को समाजवादी पार्टी के कुछ नेताओं और व्यापारी के परिजनों के बीच बैठकर समझौता वार्ता हुई। सपा के आरोपी नेताओं ने अपनी गलती स्वीकार कर ली। इसके बाद दोनों पक्षों के बीच लिखित समझौता हो गया। व्यापारी श्याम कृष्ण गुप्ता कोतवाली में दी तहरीर वापस ले ली। समझौते के दौरान सपा जिलाध्यक्ष शिवचरन कश्यप, जिला उपाध्यक्ष रविंद्र यादव, कोषाध्यक्ष अशोक यादव, दिनेश यादव, व्यापारी पवन अरोड़ा, पूर्व पार्षद विकास शर्मा और अरुण खुराना (रॉकी) आदि मौजूद रहे।
व्यापारी श्याम कृष्ण गुप्ता ने बताया कि विवाद हुआ था, लेकिन मैं किसी का भविष्य खराब करना नहीं चाहता। उन्होंने अपनी गलती स्वीकार कर दी, जिससे मैंने उन्हें माफ कर दिया। सपा छात्रसभा के अध्यक्ष अविनाश मिश्रा का कहना है कि व्यापारी श्याम कृष्ण उनके बड़े भाई हैं। कुछ कहासुनी हो गई थी। दोनों पक्षों में समझौता हो गया है। अब कोई विवाद नहीं है।
