बरेली।आस्था, भक्ति और परंपरा के रंग में रंगा साबरी झंडा पैदल काफिला
हज़रत शाने अली कमाल मियां साबरी नासरी ने कहा कि काफिले की तैयारियाँ तेज़ी से जारी हैं। जो अकीदतमंद इस ऐतिहासिक और रूहानी सफर में शरीक होना चाहते हैं, वे 5 अगस्त तक दरगाह ऑफिस में आवेदन जमा कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि यह सिर्फ एक धार्मिक यात्रा नहीं, बल्कि बरेली की गंगा-जमनी तहज़ीब और सूफियाना परंपरा की झलक है।
समाजसेवी पम्मी खां वारसी ने कहा, “यह हमारे लिए फख्र की बात है कि बरेली के परचम से उर्स-ए-साबिर पाक की शुरुआत होती है। यह शहर हमेशा सूफियाना मोहब्बत का मरकज़ रहा है।”
उर्स-ए-साबिर पाक का आगाज़ 24 अगस्त को परचम कुशाई की रस्म से होगा, और 6 सितंबर (13 रबीउल अव्वल) को कुल शरीफ के साथ इसका समापन होगा। इस मौके पर कलियर शरीफ ही नहीं, बल्कि बरेली की तमाम खानकाहों, मस्जिदों और घरों में भी कुल शरीफ की रस्म अदा की जाएगी।
यह यात्रा सिर्फ एक सफर नहीं, बल्कि इबादत, अकीदत और एकता का प्रतीक है, जो बरेली की मिट्टी से उठकर पूरे मुल्क में मोहब्बत और अमन का पैग़ाम देता है।
