बुद्ध के अनुयायियों ने बौद्ध गया मंदिर अधिनियम 1949 के परिवर्तन की मांग

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बरेली । बौद्ध धर्म के लोग अपनी मांगों के समर्थन में बरेली कलक्ट्रेट पहुंचे और प्रदर्शनकर महामहिम राज्यपाल एवं सीएम योगी को एक संबोधित ज्ञापन देकर बौद्ध गया मंदिर अधिनियम 1949 के परिवर्तन के सम्बंध में एक ज्ञापन एसीएम  को सौंपा । इस मौके पर बौद्ध समाज के लोगों ने  बौद्ध गया मंदिर अधिनियम-1949 में सरकार से  परिवर्तन करने की मांग की साथ में यह भी कहा कि यह अधिनियम बौद्धों  के लिए त्रुटिपूर्ण एवं भेदभावपूर्ण है। इसे बदलने पर सरकार को  विचार करना चाहिये।
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वह इस अधिनियम के संबंध में यह परिवर्तन चाहते है। उन्होंने  मांग करते हुए यह कहा कि अधिनियम के बिन्दु सं० (क) इस अधिनियम को बौद्ध गया मंदिर अधिनियम 1949 ना कहकर “माहबोधि महाबिहार बौद्धगया अधिनियम 1949” कहा जाये। साथ ही प्रावधान संख्या-2 (क) में लिखित “मंदिर” शब्द “महाबोधि महाबिहार” लिखा जाये एवं इसके प्रावधान (ख) और (ग) में भी परिवर्तन किया जाये।
वही  प्रावधान संख्या- 3 (ख) में समिति के 8 सदस्यों में चार हिन्दू सदस्य और चार बौद्ध सदस्य का प्रावधान है, जो बौद्धौं से भेदभाव दर्शाता है, इसमें समिति में आठों सदस्य बौद्ध होने चाहिए। साथ ही  अधिनियम के प्रावधान संख्या-4, 5, 6.9. 7,8,9,10 व आगे के प्रावधानों में जहाँ मंदिर शब्द लिखा जाए।
इसके अतिरिक्त  महाबोधि महाबिहार एवं हिन्दू शब्दों के स्थान पर ‘बौद्ध” लिखा जाये। इस मौके पर बौद्ध समाज के लोगों ने यह भी मांग करते हुए यह कहा कि  भारतवर्ष में इस्लाम, हिन्दू, इसाईयों के धर्मस्थलों का प्रबन्धन उसी धर्म के समिति के हाथों में होता है, लेकिन  भारतवर्ष में बौद्धों के मुख्य महापवित्रम् स्थल बौद्धगया महाबिहार की प्रबन्ध कमेटी के प्रावधानों में संशोधन करते हुए बौद्धगया महाबिहार की प्रबन्ध कमेटी का प्रबन्धन बौद्धों को सौंपा जाये।इस मौके पर सुरेंद्र सोनकर ,ठाकुर दास प्रेमी,लाला राम, रामसेवक प्रजापति, सत्य नारायण ,दीन दयाल गौतम ,कपिल रत्न आदि मौजूद रहे।
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Author: newsvoxindia

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