शीप पॉक्स से भेड़ों की जिंदगी बनाने के लिए आईवीआरआई ने मनाई वैक्सीन

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बरेली । शीप पॉक्स भेड़ों में होने वाली एक गंभीर वायरल बीमारी है जिससे ग्रसित पशुओं में बुखार, त्वचा पर पपल्स या नोड्यूल, आंतरिक घाव (विशेष रूप से फेफड़ों में) देखे जा सकते हैं तथा संक्रमित पशु की मृत्यु भी हो सकती है। इस बीमारी से बचाने के लिए तथा भेड़ों की आबादी में निवारक टीकाकरण के लिये भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान(आईवीआरआई ) द्वारा स्वदेशी वायरस स्ट्रेन का उपयोग करके ‘जीवित क्षीण (लाइव एटेनुएटिड) शीप पॉक्स वैक्सीन’ को विकसित किया तथा हाल ही में इस तकनीक को रिलाइंस लाइफ साईंसेज, नवी मुंबई को हस्तांतरित किया गया ।

 

 

इस तकनीकी का हस्तांतरण संस्थान के निदेशक डॉ त्रिवेणी दत्त के दिशा निर्देश में एग्रीनोवेट के माध्यम से किया गया ।विकसित वैक्सीन में स्वदेशी शीप पॉक्स वायरस स्ट्रेन (SPPV Srin 38/00) का उपयोग किया गया है और यह ‘वेरो सेल लाइन’ में वृद्धि के लिये अनुकूलित है जो वैक्सीन उत्पादन को आसानी से मापन-योग्य बनाता है। यह 6 महीने से अधिक उम्र की भेड़ों के लिये शक्तिशाली और इम्युनोजेनिक है। इसका मूल्यांकन इन-हाउस और फील्ड दोनों जगह किया गया है।

 

 

यह टीका भेड़ों को 40 महीने की अवधि तक शीप पॉक्स से रक्षा करता है। इस टीके का विकास आईवीआरआई मुक्तेश्वर में डा भानु प्रकाश एवं टीम ने किया तथा यह वैक्सीन अब तक 6 व्यवसायिक घरानो को हस्तांत्रित की जा चुकी है।

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Author: newsvoxindia

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