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युक्रेन से लौटे MBBS छात्रों को राहत , एनएमसी ने यह बनाया है प्लान 

नई दिल्ली।  राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग ने  माननीय सुप्रीम को बताया है कि  रूस -यूक्रेन सहित चीन से  से  लौटे –    युद्ध  व कोरोना महामारी के   चलते वापस लौटे मेडिकल के अंतिम वर्ष के उन छात्रों को एफएमजी परीक्षा में बैठने की अनुमति दी जाएगी।

इसमें वह छात्र छात्राएं है जिन्हे  अधिसूचना तिथि पर डिग्री प्राप्त हुई है। राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग ने 23 जून को एक हलफनामे में कहा कि विदेशी चिकित्सा स्नातक परीक्षा उत्तीर्ण करने पर विदेशी चिकित्सा स्नातकों को वर्तमान में एक साल की जगह  दो साल के लिए कंपलसरी रोटेटिंग मेडिकल इंटर्नशिप  करनी होगी साथ ही विदेशी चिकित्सा स्नातक दो वर्ष तक सीआरएमआई पूरा करने के बाद ही पंजीकरण के पात्र होंगे। एनएमसी के हलफनामे में यह भी बताया गया है कि क्लीनिकल ​​​​प्रशिक्षण के लिए इंटर्नशिप की अवधि को दोगुना किया है  ।
उच्चतम न्यायालय ने 29 अप्रैल को नियामक संस्था को रूस-यूक्रेन युद्ध और महामारी से प्रभावित एमबीबीएस छात्रों को एक बार के उपाय के रूप में यहां के मेडिकल कॉलेजों में अपना क्लीनिकल ​​प्रशिक्षण पूरा करने की अनुमति देने के लिए दो महीने में एक योजना तैयार करने का निर्देश दिया था। बता दे कि   यूक्रेन के कई मेडिकल कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में 20,672 भारतीय छात्र नामांकित हैं।  यह सभी छात्र  ऑनलाइन कक्षाएं लगातार ले  रहे हैं।

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