बरेली। यूपी की राजनीति में अपने विवादित बयानों के लिए जाने के लिए स्वामी प्रसाद मौर्य ने मिनी बाईपास स्थित एक बारात घर मे आयोजित लोकमोर्चा के कार्यक्रम में मौजूदा योगी सरकार की नीतियों को लेकर गंभीर आरोप लगाए ।
स्वामी प्रसाद मौर्या ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि राज्य में शिक्षा व्यवस्था को नजरअंदाज कर, शराब की दुकानों को प्राथमिकता दी जा रही है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार के लिए अब स्कूल और शराब की दुकान में कोई फर्क नहीं रह गया है। जहां एक ओर सरकार कंपोजिट स्कूल खोलने की बात करती है, वहीं दूसरी ओर उसी इलाके में कंपोजिट शराब की दुकानें भी खुलवा दी जाती हैं। एक ओर मॉडल स्कूल बनते हैं, तो दूसरी ओर मॉडल बीयर शॉप भी खुल जाती है। यह स्थिति प्रदेश में शिक्षा और सामाजिक संरचना पर नकारात्मक असर डाल रही है।
वहीं स्वामी प्रसाद ने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे को सरकार की असफलता की निशानी बताया है। उन्होंने ने कहा कि जब सरकार के मंत्री खुद स्वीकार करते हैं कि अधिकारी उनकी नहीं सुनते, तो यह साफ है कि शासन व्यवस्था चरमरा गई है। अब केवल प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के इशारों पर ही सब कुछ चल रहा है। उन्होंने कांवड़ यात्रा को लेकर भी चिंता जताई और कहा कि भोलेनाथ के सच्चे भक्त कभी हिंसा नहीं करते, लेकिन कुछ असामाजिक तत्व कांवड़ियों के भेष में मारपीट, तोड़फोड़ और लूटपाट जैसे कृत्य कर रहे हैं। दुकानों को नुकसान पहुंचाना, राहगीरों और जवानों को पीटना, यह सब धर्म के नाम पर हो रहा है, जो पूरी तरह निंदनीय है।
उन्होंने यह भी कहा कि लोकमोर्चा 2027 के चुनाव में जनता इन सभी मुद्दों को ध्यान में रखते हुए फैसला लेगी और एक बेहतर, जवाबदेह शासन की स्थापना के लिए आगे आएगी।
