रामपुर में किसानों ने अनोखे तरीके से लखीमपुर कांड में शहीद हुए किसानों को दी श्रद्धांजलि

SHARE:

rampur kisan
मुजस्सिम खां
Advertisement
केंद्र सरकार के तीन बिलों को वापस लिए जाने को लेकर लंबे समय से दिल्ली बॉर्डर पर किसानों का धरना चल रहा है इसके अलावा लखीमपुर खीरी में किसानों के साथ हुई दर्दनाक घटना में मारे गए लोगों को लेकर किसान गमगीन हैं और अपने अपने अंदाज में उनकी आत्मा की शांति के साथ ही इंसाफ दिलाए जाने को लेकर श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं इसी क्रम में जनपद रामपुर के किसानों ने अनोखे अंदाज में अपने खेतों पर मोमबत्तियां जलाकर मृतकों को श्रद्धांजलि अर्पित की है|

 रामपुर के बिलासपुर तहसील क्षेत्र में किसान बड़ी संख्या में खेती करते है यह ही वजह है कि  सबसे बड़ी किसान बेल्ट माना जाता है यहां पर सिख समुदाय के लोग अपनी मेहनत के बल पर खेतों में  अपना खून पसीना एक करके फसलें उगाते हैं इन दिनों दिल्ली बॉर्डर पर किसानों का केंद्र सरकार द्वारा पारित बिलों को लेकर धरना चल रहा है वही लखीमपुर खीरी में केंद्रीय राज्य मंत्री के पुत्र द्वारा उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के कार्यक्रम का काले झंडे दिखाते हुए विरोध करने पर कुछ निर्दोष किसानों को अपने वाहन से कुचलकर मौत के घाट उतार देने की घटना को अंजाम दिया गया है जिसके बाद से यह खबर मीडिया की सुर्खियों में छाई हुई है इसी को लेकर तहसील बिलासपुर के किसानों ने खेतों में खड़ी अपनी अपनी फसलों के किनारे मोमबत्तियां जलाकर मृतकों को श्रद्धांजलि दी है उनके द्वारा अनोखे अंदाज में यह श्रद्धांजलि दी गई है।

 

किसान दुर्लब सिंह के मुताबिक आपको जानकारी है कि यह जो लड़ाई चल रही है किसान आंदोलन की खेती के लिए लड़ी जा रही है और खेती ही हमारा सबसे बड़ा मुद्दा इस टाइम बना हुआ है और इसी के लिए लखीमपुर में हमारे किसान शहीद हुए हैं और गाजीपुर बॉर्डर पर भी कई सो किसान हमारे शहीद हो चुका है दिल्ली बॉर्डर पर उनकी शहादत को याद करते हुए इसीलिए हम खेतों पर उतर कर आए हैं जहां की लड़ाई और जिसके लिए लड़ाई चल रही है वहीं पर उनकी शहादत को याद किया जाए सबसे मेन शहादत तो लखीमपुर के किसानों के लिए है क्योंकि पहले जो शहादतते हुई है दिल्ली बॉर्डर पर उसमें हम कह सकते हैं कि भगवान की भी मर्जी थी लेकिन जो ये शहादत हुई हैं |
किसान जस्सा सिंह के मुताबिक इस वजह से हम खड़े हैं कि हम किसान हैं किसानों के बेटे हैं और यह खेती के लिए ही आज तक जो आंदोलन 10 महीने से चल रहा है वो खेती के लिए ही किसानों ने करा है और इस खेती के आंदोलन में ही दिल्ली बॉर्डर पर शहादत हुई है शहीद हुए हैं लोग, लेकिन जो लखीमपुर खीरी में शहादते पाई गई हैं यह जबरदस्त भ्रष्टाचार सरकार ने जानबूझकर अपनी गाड़ियों से कुचल कर हमारे किसानों को शहीद किया गया है |
cradmin
Author: cradmin

Leave a Comment

सबसे ज्यादा पड़ी गई न्यूज
error: Content is protected !!