बरेली।
सुबह से ही बड़ी संख्या में बहनें अपने भाइयों से मिलने जेल परिसर पहुँचीं। किसी के हाथ में थाली थी, किसी के पास उपहार , हर चेहरे पर उम्मीद और आंखों में अपने भाई से मिलने की चमक थी। जैसे ही बहनों की मुलाकात का समय आया, भाइयों को देखकर कई बहनों की आंखें भर आईं। महीनों बाद अपने भाइयों को सामने देखकर उन्होंने माथे पर तिलक लगाया, आरती उतारी और लंबी उम्र की कामना की।

वहीं, भाइयों ने भी बहनों को उपहार देकर अपना स्नेह जताया। कुछ ने भावुक होकर बहनों के हाथ थाम लिए, तो कुछ के होंठों से शब्द नहीं निकले — बस आंखों ने ही सारा प्यार बयां कर दिया।भाई दूज का यह पर्व दीपावली की श्रृंखला का अंतिम त्योहार माना जाता है, जो रिश्तों में अपनापन, प्रेम और एक-दूसरे के प्रति समर्पण का संदेश देता है।
इस अवसर पर जेल प्रशासन ने भी विशेष इंतजाम किए। सेंट्रल जेल अधीक्षक विपिन मिश्रा ने बताया कि “शासन के निर्देश पर बहनों के लिए जलपान, बैठने की व्यवस्था, पानी और प्राथमिक दवा की सुविधा उपलब्ध कराई गई है, ताकि वे बिना किसी परेशानी के अपने भाइयों से मिल सकें।”
दीपों की रौशनी के बाद भाई दूज के तिलक से महक उठा जेल परिसर, जहाँ आज लोहे की सलाखों के पार भी रिश्तों की गर्माहट महसूस की जा सकती थी।



