उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में डेंगू की रफ़्तार ने प्रशासन को अक्टूबर की महीने में पसीना ला दिया हैं। शहर और ग्रामीण इलाकों के अस्पतालों में रहस्मई बुखार के मरीजों से पटे पड़े हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अब जिले में 24 से 30 मौत होने की खबरें भी है । हालांकि बरेली स्वास्थ्य विभाग के मुखिया का दावा है कि जिले में डेंगू से कोई मौत नहीं हुई है। जिले में सबसे ज्यादा डेंगू के मामले बहेड़ी सर्किल में आये है जहां डीएम ने खुद निरीक्षण करके व्यवस्थाओं को और बेहतर करने की कोशिश की है।
यह बरेली जिले के महाराणा प्रताप अस्पताल में डेंगू और रहस्मई बुखार से करीब 40 मरीज भर्ती है। वही दूसरी ओर जिले के सभी सीएचसी और पीएचसी में करीब 600 से अधिक मरीज भर्ती हैं। सभी अस्पतालों में प्रशासन ने मरीजों की देखभाल के लिए स्पेशल डॉक्टरों की टीम को तैनात किया है। जो 24 घंटे रहकर मरीजों के स्वास्थ्य पर अपनी नजर बनाये हुए है। अस्पताल में मरीजों के लिए मच्छरदानी देने के साथ अच्छी दवाएं देने के साथ , अस्पताल में साफ सफाई का विशेष ध्यान रखा जा रहा है।
जिला अस्पताल की सीएमएस अलका शर्मा के अनुसार उनके अस्पताल में डेंगू या रहस्मई बुखार से कोई मौत नहीं हुई हैं। मरीजों को अस्पताल प्रबंधन की ओर से बेहतर दवाओं के साथ उनके स्वास्थ्य पर विशेष नजर रखी जा रही है। बहेड़ी विधान सभा के सीएचसी की है जहां डीएम खुद स्वास्थ्य विभाग की डेंगू और रहस्मई बुखार से निपटने की तैयारियों को परखने के लिए पहुंचे। डीएम रविंद्र कुमार ने तहसील में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ तहसील के अधिकारियों से बातचीत की और आवश्यक निर्देश दिए है।
जिले के मुख्यचिकित्सा अधिकारी डॉक्टर विश्राम सिंह का दावा है कि जिले में डेंगू से कोई मौत नहीं हुई है। जिले में 628 एलेजा पॉजिटिव मरीज हैं। वही कई टीमों को लेकर गांवों में ग्रामीणों को साफ सफाई के लिए जागरूक किया जा रहा है। जिले में पांच ब्लॉक सेंसटिव है जहां स्वास्थ्य विभाग अपनी विशेष नजर बनाया हुआ हैं।
सरकारी आंकड़ों में मौत के आंकड़े भले ही ज़ीरो हो लेकिन अस्पतालों में मौजूद मरीजों की संख्या यह बताने के लिए काफी हैं , प्रशासन को अभी डेंगू और रहस्मई बुखार से अभी और मुकाबला करने की जरूरत हैं।