लखनऊ। उत्तर प्रदेश में पुलिस बल को और अधिक सशक्त बनाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को बड़ी घोषणा की। उन्होंने कहा कि जल्द ही राज्य में 30 हजार नए पुलिसकर्मियों की भर्ती की जाएगी। इस भर्ती प्रक्रिया को उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड जल्द शुरू करेगा।
मुख्यमंत्री योगी ने यह भी बताया कि भर्ती में 20 प्रतिशत पद अग्निवीरों के लिए आरक्षित किए जाएंगे, ताकि पुलिस को अनुशासित और प्रशिक्षित बल मिल सके।
लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित एक कार्यक्रम में पुलिस दूरसंचार विभाग के 1,494 सहायक परिचालकों को नियुक्ति पत्र वितरित करते हुए उन्होंने कहा कि 2017 से पहले प्रदेश में भर्तियों में भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद और घूसखोरी का बोलबाला था, जिससे कानून-व्यवस्था पर बुरा असर पड़ा। प्रदेश में दंगे, अराजकता और आतंकी घटनाएं आम हो गई थीं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 2017 में डबल इंजन सरकार आने के बाद पुलिस भर्ती प्रणाली को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने की दिशा में ठोस कदम उठाए गए। पुलिस भर्ती बोर्ड का सुदृढ़ीकरण किया गया और उसी का नतीजा है कि अब तक 2.17 लाख से अधिक पुलिस कर्मियों की पारदर्शी भर्ती की जा चुकी है।
उन्होंने बताया कि पारदर्शिता से न केवल भरोसा बढ़ा बल्कि निवेश को भी प्रोत्साहन मिला, जिससे करीब दो करोड़ युवाओं को उनके ही जिले में रोजगार के अवसर प्राप्त हुए हैं।
मुख्यमंत्री योगी ने दूरसंचार पुलिस के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि पुलिस बल में कम्युनिकेशन सिस्टम उसकी रीढ़ है। उन्होंने कहा कि आज प्रदेश के हर जिले में पुलिस बैरक का सबसे ऊंचा भवन खड़ा है। बीते आठ वर्षों में पुलिस लाइन, पुलिस मुख्यालय और आवासीय सुविधाओं का तेजी से विस्तार हुआ है।
कार्यक्रम में मंत्री सुरेश खन्ना, प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद, डीजीपी राजीव कृष्ण, डीजी टेलीकॉम आशुतोष पांडेय, डीजी भर्ती बोर्ड एसडी शिरोडकर और डीजी पीएचक्यू आनंद स्वरूप भी मौजूद रहे।
