मुमताज अली की स्पेशल रिपोर्ट
बहेड़ी में मोहर्रम का त्योहार बड़ी धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर नगर में ताजिए निकाले गए और लोगों ने अपने-अपने घरों में फातिहा ख्वानी कराकर इमाम हुसैन की शहादत को याद किया।
ताजियों का जुलूस और सुरक्षा व्यवस्था
मोहर्रम के मौके पर ग्राम शकरस, मंदनापुर, नारायणा नगला, जाम बाजार, बिहारीपुर, मंडनपर शुमाली और तुरसुमपुर के ताजिए शामिल हुए। प्रशासन और पुलिस ने पीएसी के साथ नगर में घूमकर सुरक्षा का जायजा लिया। एसडीएम रत्निका श्रीवास्तव, सीओ अरुण कुमार और कोतवाल संजय तोमर ने फोर्स के साथ नगर में पैदल मार्च किया।
मोहर्रम इस्लामी वर्ष का पहला महीना होता है। इस महीने में इराक के कर्बला में एक धर्म युद्ध हुआ था, जो पैगंबर हजरत मोहम्मद सललल्लाहो अलैह वसल्लम के नाती इमाम हुसैन और इब्र ज्याद के बीच हुआ था। इस धर्म युद्ध में इमाम हुसैन और उनके साथियों ने शहादत प्राप्त की थी।
मोहर्रम के मौके पर लोगों ने 9 और 10 तारीख के रोज़े रखे और फातिहा ख्वानी कराकर इमाम हुसैन की शहादत को याद किया। हजरत मोहम्मद सललल्लाहो अलैह वसल्लम का फरमान है कि जिसने मोहर्रम की 9 तारीख का रोजा रखा, उसके दो साल के गुनाह माफ कर दिए जाते हैं और मोहर्रम के एक रोजे का सवाब 30 रोजों के बराबर मिलता है।
नगर के नैनीताल रोड पर मिठाई और खेल खिलौनों की दुकानें लगीं। लोग ताजियों को देखने के लिए इमामबारों पर पहुंचे। इस दौरान जगह-जगह सबील भी लगाई गईं
