बरेली एक बार फिर रौशनियों, रंगों और रौनक से गुलजार होने को तैयार है। जनपद की प्रसिद्ध सामाजिक विकास एवं मनोरंजन प्रदर्शनी का आयोजन इस बार 15 मई से 5 जुलाई तक किया जा रहा है।
यह भव्य आयोजन न सिर्फ स्थानीय लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र है, बल्कि आस-पास के जिलों से भी बड़ी संख्या में लोग इसमें शिरकत करते हैं। इस बार प्रदर्शनी को नए अंदाज में सजाया गया है, जिसमें परंपरा और आधुनिकता का खूबसूरत संगम देखने को मिलेगा।
इस वर्ष प्रदर्शनी की खास थीम ‘बटरफ्लाइ’ रखी गई है। आयोजन समिति के अजय मोहन शर्मा ने बताया कि इस बार एफिल टावर की प्रतिकृति, बरेली के सांस्कृतिक प्रतीक झुमके और कई अन्य आकर्षणों से प्रदर्शनी को सजाया गया है। इस थीम आधारित साज-सज्जा का उद्देश्य सिर्फ मनोरंजन नहीं, बल्कि सांस्कृतिक और वैश्विक जुड़ाव को बढ़ावा देना भी है।
प्रदर्शनी में बच्चों और युवाओं के लिए अत्याधुनिक झूलों की व्यवस्था की गई है, जो पूरी तरह सुरक्षित हैं। सेल्फी प्रेमियों के लिए कई शानदार बैकड्रॉप्स और सेल्फी पॉइंट्स तैयार किए गए हैं, जिनमें एफिल टावर, बरेली का झुमका, रंग-बिरंगे बलून, आई लव इंडिया, फूलों और तितलियों की थीम शामिल हैं।
इसके अलावा भूत बंगला, सुपर ड्रैगन ट्रेन, विश्वास किचन वेयर और लड्डू चाइना स्टेशनरी सेंटर भी दर्शकों के आकर्षण का केंद्र बनेंगे।खानपान के शौकीनों के लिए प्रदर्शनी में स्वाद का भरपूर इंतजाम किया गया है। उत्तर भारतीय, दक्षिण भारतीय, चाइनीज और फास्ट फूड के साथ-साथ चाट, गोलगप्पे, समोसे और टिक्की जैसे स्थानीय स्ट्रीट फूड का स्वाद भी लोगों को खूब भा रहा है।
खास बात यह है कि इटावा का प्रसिद्ध चोटी वाला भी यहां हरिद्वार के चोटीवाला की तर्ज़ पर मौजूद रहेगा।सुरक्षा व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए दोनों गेटों पर सुरक्षा गार्डों और पुलिस की तैनाती की गई है। महिला आगंतुकों और बच्चों की सुरक्षा के लिए महिला सुरक्षाकर्मियों की भी तैनाती की गई है।
पार्किंग व्यवस्था को सुव्यवस्थित किया गया है, जिससे आगंतुकों को किसी भी तरह की असुविधा न हो।प्रदर्शनी की घोषणा के साथ ही शहर में उत्साह का माहौल है। दुकानदारों को बेहतर व्यापार की उम्मीद है और गर्मियों की छुट्टियों में यह नुमाइश बच्चों और परिवारों के लिए एक बेहतरीन विकल्प बनकर सामने आई है। प्रेस वार्ता में जगमोहन सिंह, अक्षय सिंह, अजय मोहन शर्मा और धर्मेन्द्र मैसी समेत अन्य गणमान्य लोग मौजूद रहे।
