आदर्श दिवाकर
मीरगंज (बरेली)। त्याग, बलिदान और इंसानियत की सीख देने वाला मोहर्रम का पर्व मीरगंज क्षेत्र में रविवार को पूरे सम्मान, श्रद्धा और शांति के माहौल में संपन्न हुआ। ‘या हुसैन’ की गूंज और सीनाजनी के साथ जब ताजियों के जुलूस सिल्लापुर स्थित कर्बला मैदान पहुंचे, तो हर दिल इमाम हुसैन की शहादत की याद में डूबा नजर आया।
कस्बा और आसपास के गांवों — चुरई दलपतपुर, सुजातपुर, शीशमखेड़ा, दियोरिया अब्दुलागंज, गुलड़िया, तिलमास, पैगानगरी, सिंधौली और सैंजना — से निकले ताजिया जुलूसों में बड़ी संख्या में अकीदतमंद शामिल हुए। मैदान में पहुंचकर लोगों ने फातिहा पढ़ी और क्षेत्र में अमन-चैन और भाईचारे की दुआ मांगी।
जुलूस में युवाओं द्वारा दिखाए गए लाठी-डंडे के करतब और पारंपरिक खेलों ने भीड़ का दिल जीत लिया। बच्चे, बुज़ुर्ग, युवा – सभी ने पूरे जोश और श्रद्धा के साथ सीनाजनी की रस्म अदा की। ‘या हुसैन’ की सदाओं से पूरा मीरगंज गूंज उठा।
प्रशासन रहा मुस्तैद, सुरक्षा रही पुख्ता
पूरे आयोजन के दौरान सुरक्षा व्यवस्था बेहद मजबूत रही। एसडीएम तृप्ति गुप्ता, सीओ अंजनी कुमार तिवारी, थानाध्यक्ष प्रयागराज सिंह, चौकी प्रभारी सूरजपाल और पंकज गौतम ने क्षेत्र में लगातार गश्त कर हालात पर कड़ी नजर रखी। किसी भी अप्रिय स्थिति से बचने के लिए पुलिस बल हर संवेदनशील स्थल पर तैनात रहा।
जनप्रतिनिधियों ने की शिरकत
जुलूसों में स्थानीय जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों ने भी हिस्सा लिया और लोगों को पर्व की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि मोहर्रम न सिर्फ बलिदान का प्रतीक है, बल्कि यह इंसानियत, शांति और सह-अस्तित्व का पैगाम भी देता है।
थाना परिसर के पास लगे मेले में भी भारी भीड़ जुटी, जहां लोगों ने पारंपरिक रस्मों के साथ अपनी श्रद्धा व्यक्त की और सामाजिक एकता की मिसाल पेश की।
