भगवान श्रीकृष्ण की जन्म स्थली मथुरा और लीला स्थली वृंदावन, गोकुल, नंदगांव, गोवर्धन, बरसाना में श्री कृष्णोत्सव की तीन दिन तक धूम रही। इस दौरान गजब का उत्साह लोगों में देखने को मिला। देश विदेश से आए लोग ब्रज की आध्यत्मिक सांस्कृतिक धरोहर निहारने के साथ लोककला के भाव में सराबोर हैं। यहां जगह-जगह लोक कलाकार ब्रज संस्कृति का प्रदर्शन करते हुए श्रद्धालुओं को आनंदित कर रहे हैं।
भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव के उल्लास में श्रद्धालुओं को सराबोर करने के लिए उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद की पहल पर 400 से ज्यादा कलाकारों को टोली ब्रज में सास्कृतिक प्रस्तुतियों से धूम मचा रही है, जिससे श्रीकृष्ण जन्मस्थान के साथ जगह जगह ब्रज संस्कृति की अद्भुत छटा बिखर रही हैं। कहीं माखन लीला हो रही है तो कहीं रास का अद्भुत आनंद बरस रहा है। अलग अलग मंचों पर अलग अलग लीलाओं का मंचन हो रहा है। किसी मंच पर हास्य परिहास है तो किसी पर नाटय, नृत्य कला की प्रस्तुति लोगों को भावविभोर करती रही।
जन्माष्टमी से पूर्व 250 कलाकारों की शोभायात्रा विभिन्न क्षेत्र की लोक कला का संगम थी। डैंपियर नगर स्थित पाञ्चजन्य
प्रेक्षाग्रह में रविवार को मुंबई के प्राची समूह ने बहु शैली शास्त्रीय नृत्य, मुंबई के ही कृत्य नरसिंह राणा ने ओड़िसी नृत्य, मानसी रघुवंशी का गायन और लखनऊ से डिम्पी मिश्रा के श्याम रंग नाटक ने समां बाँध दिया। इस दौरान सांसद हेमा मालिनी और उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद के उपाध्यक्ष शैलजाकांत मिश्र और सीईओ श्याम बहादुर सिंह ने कलाकारों को सम्मानित किया।
अपर सीईओ मदन चंद डूबे, डिप्टी सीईओ सतीश चंद्र, पर्यावरण विशेषज्ञ मुकेश शर्मा, सहा. अभि. आरपी यादव, दूधनाथ यादव आदि मौजूद रहे। रविवार को नंदोत्सव की धूम रही। शनिवार को भी इसी मंच पर शानदार प्रस्तुतियां रहीं। श्रीकृष्णोत्सव को देखने के लिए देश ही नहीं विदोशों से भी श्रद्धालु मथुरा पहुंचे।
