दुआओं और अमन-चैन की फरमाइश के साथ तीन रोज़ा उर्स का हुआ समापन
बरेली। रूहानियत और अकीदत से सराबोर हज़रत सय्यद शेर शाह बाबा का तीन रोज़ा उर्स रविवार को कुल शरीफ की रस्म के साथ मुकम्मल हुआ। उर्स का आगाज़ कुरान पाक की तिलावत से हुआ, और अंतिम दिन सुबह कुरानख्वानी के बाद तकरीरी कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
तकरीरी कार्यक्रम में उलेमाओं ने हज़रत शेर शाह बाबा की पाक ज़िंदगी, उनके इल्म, इंसानियत और समाज सेवा की मिसालों पर रोशनी डाली। बड़ी संख्या में पहुंचे अकीदतमंदों ने दुआओं में मुल्क में अमन, सलामती और तरक्की की फरियाद की।
कुल शरीफ की रस्म के बाद जायरीनों के लिए लंगर का व्यापक इंतज़ाम किया गया, जिसमें सभी ने सादगी और मुहब्बत के साथ हिस्सा लिया। इस मौके पर सुल्तान खान, शफीक बेग, फैजान खान, दानिश बेग, मुदस्सिर बेग, हाशिम मंसूरी, महताब मंसूरी, उवैस मंसूरी समेत कई खिदमतगारों ने आयोजन को सफल बनाने में अहम भूमिका निभाई।
पूरे उर्स के दौरान खानकाह पर रौनक छाई रही और अकीदतमंदों का तांता लगा रहा। दरगाह परिसर इबादत, दुआ और मोहब्बत के माहौल से गुलज़ार रहा। कुल शरीफ के साथ इस रूहानी आयोजन का समापन अकीदत और मोहब्बत की फिजा में हुआ।
