बरेली। आला हज़रत इमाम अहमद रज़ा ख़ान फ़ाज़िले बरेलवी रहमतुल्लाह अलैह के 107वें उर्स-ए-रज़वी में इस बार भी लाखों जायरीन ने दरगाह शरीफ़ पर हाज़िरी देकर अपनी अकीदत पेश की। साथ ही पूरा शहर रूहानी माहौल में डूबा हुआ है और आने वाले मेहमानों का परंपरागत तरीके से इस्तकबाल किया गया।
पूर्व सदस्य हज समिति (उत्तर प्रदेश शासन) सरफराज वली खान ने जायरीनों का स्वागत करते हुए कहा कि आला हज़रत की शिक्षाएं मोहब्बत, अमन और इंसानियत का पैग़ाम देती हैं। उन्होंने कहा कि आज की दुनिया को नफ़रत और फूट से बचाने का रास्ता यही है कि हम आला हज़रत की तालीमात पर अमल करें। इस दौरान उन्होंने देश और कौम की खुशहाली की दुआ भी की।
वहीं, 125 कैंट विधानसभा क्षेत्र से जुड़े और पूर्व सदस्य अल्पसंख्यक कल्याण समिति (उत्तर प्रदेश शासन) सैफ वली खान ने कहा कि आला हज़रत का उर्स हर तबके और मज़हब के लोगों को मोहब्बत और भाईचारे का पैग़ाम देता है। उन्होंने याद दिलाया कि आला हज़रत की इल्मी और रूहानी सेवाओं ने पूरी दुनिया में हिंदुस्तान का नाम रोशन किया है।
दोनों नेताओं ने इस मौके पर जश्ने ईद मिलादुन्नबी की भी दिली मुबारकबाद पेश की। उन्होंने कहा कि सीरत-ए-नबी पर अमल करना ही असली कामयाबी है और यही दिन इंसानियत को आपसी सौहार्द और भाईचारे का पैग़ाम देता है।
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