शीशगढ़। किसान कल्याण समिति के नेतृत्व में खमरिया गाँव के पास किसानों द्वारा कारसेवा से बनाया गया कच्चा बांध आज बुधबार को झमाझम मूसला धार बारिश में वह गया। वहगुल नदी पर खमरिया गाँव के पास पिछले एक दशक से किसान कल्याण समिति कार सेवा से कच्चे बांध का निर्माण करती है।जिससे रामपुर जनपद की बिलासपुर और बरेली जनपद की बहेड़ी और मीरगंज तहसील के लगभग 150 गाँवो के किसान फ़सल सिंचाई का लाभ उठाते हैं।
वर्षों से पक्के बांध की गुहार लगा रहे हैं किसान
ब्रिटिश शासन में वहगुल नदी पर बना पक्का रेगुलेटर बांध दो दशक पूर्व टूट चुका है।जिसके अवशेष आज भी मौजूद हैं।जिससे तीनों तहसीलों के किसानों को फ़सल सिंचाई का संकट पैदा हो गया था।किसानों ने सैकड़ो बार पत्र लिखकर शासन और प्रशासन से पक्के रेगुलेटर बांध की गुहार लगाई।किसानों की माँग पर दर्जनों बार बांध स्थल का निरीक्षण कर पक्के बांध के निर्माण को शासन को रिपोर्ट भी भेजी मगर आज तक पक्के बांध का निर्माण नहीं हो सका।तब किसान कल्याण समिति ने कच्चे बांध को बनाने का बीड़ा उठाया।
बरसात में हर वर्ष कच्चे बांध को पड़ता है काटना
किसान कल्याण समिति के अध्यक्ष पूर्व विधायक जयदीप सिंह बरार ने बताया कि 15 जून से बरसात शुरू हो जाती है।इसलिए जून माह में कच्चे बांध को काट दिया जाता है।यदि बांध को नहीं काटेंगे तो आसपास के गाँव बांध के पानी में डूब जाएंगे।बांध काटने से पहले ही आज वह गया.।
