बरेली।बरेली की बारादरी पुलिस ने एक बड़े रियल स्टेट कारोबारी को गिरफ्तार किया है जो कई सालों से फरार चल रहा था। आरोपी राजेश मौर्य, ‘गंगा इन्फ्रासिटी प्राइवेट लिमिटेड’ का डायरेक्टर है। उस पर आरोप है कि उसने प्लॉट देने और दोगुना पैसा लौटाने की स्कीम में 200 से ज्यादा लोगों से करोड़ों रुपये ठग लिए।
राजेश मौर्य के खिलाफ बरेली, मथुरा और दिल्ली में धोखाधड़ी, जालसाजी, चेक बाउंस और एनआई एक्ट जैसी गंभीर धाराओं में दर्जनों मुकदमे दर्ज हैं।
कंपनी बनाकर की ठगी:
साल 2018 में राजेश मौर्य ने ‘गंगा इन्फ्रासिटी’ नाम से एक रियल एस्टेट कंपनी शुरू की। उसने बताया कि भुता क्षेत्र में 200 बीघा ज़मीन पर प्लॉट काटे जाएंगे। 100 गज का प्लॉट सिर्फ 3 लाख में देने का लालच दिया गया। साथ ही ये भी कहा गया कि हर महीने खरीदार को एक प्रतिशत रकम वापस मिलेगी।
ग्राहकों को ये भी कहा गया कि अगर वे 5 साल बाद प्लॉट लौटाते हैं, तो दोगुना पैसा मिलेगा। लोगों को भरोसा दिलाने के लिए उन्हें ब्लैंक चेक भी दिए गए, लेकिन बाद में ज़्यादातर चेक बाउंस हो गए।
फ्रेंचाइज़ी के नाम पर निवशकों के साथ खेल:
राजेश मौर्य ने 200 से ज़्यादा गांवों और मोहल्लों में अपनी ब्रांच खोली। हर ब्रांच मालिक से 2 लाख रुपये लिए और वादा किया गया कि उन्हें हर महीने 18 हजार रुपये वेतन मिलेगा, बशर्ते वे साल में 25 लाख रुपये का निवेश जुटाएं।
शुरुआत में सब कुछ सही चला, लेकिन बाद में न तो निवेशकों को पैसा मिला, न ही फ्रेंचाइज़ी वालों को सैलरी। जब लोगों का पैसा फंसा, तो कई जगह धरने-प्रदर्शन शुरू हुए।
लोगों ने दर्ज कराए मुकदमे:
राजीव गुप्ता, अनिल साहू, संजीव गुप्ता समेत कई लोगों ने एफआईआर दर्ज कराई। चूंकि चेक बाउंस हो चुके थे और पैसा वापस नहीं मिला, पुलिस ने कंपनी के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत भी कार्रवाई की।
राजेश मौर्य जेल भी गया, लेकिन बाद में ज़मानत पर बाहर आकर फरार हो गया। वहीं बारादरी पुलिस ने राजेश मौर्य को सर्विलांस की मदद से 25 मई को गिरफ्तार कर लिया। उसे कोर्ट में पेश कर जेल भेजा जा रहा है।
इन थानों में दर्ज हैं मुकदमे:
बारादरी, कोतवाली, कैंट और इज्जतनगर थानों में आईपीसी की कई धाराओं के तहत केस दर्ज हैं। इसके अलावा एनआई एक्ट की धारा 138 में भी चार मामले दर्ज हैं।
