पीलीभीत जनपद में बार-बार ट्रैफिक नियम तोड़ने वालों के खिलाफ परिवहन विभाग ने सख्ती शुरू कर दी है। बीते छह महीनों में बार-बार ट्रैफिक नियमों की अनदेखाी करने वाले 52 लोगों के ड्राइविंग लाइसेंस निरस्त कर दिए हैं। परिवहन विभाग ने यह कार्रवाई तेज रफ्तार, नशे में ड्राइविंग करने और बार-बार चालान होने के बावजूद ट्रैफिक नियमों का उल्लंघनों पर की गई है।
सड़क हादसों को रोकने के लिए सरकार ने ट्रैफिक नियमों को सख्ती से लागू करने के निर्देश दिए है। शासन के निर्देश पर परिवहन विभाग, ट्रैफिक पुलिस, लोक निर्माण विभाग और स्वास्थ्य विभाग अभियान के तहत काम कर रहे हैं। बावजूद इसके कई जगहों पर व्यवस्थागत लापरवाही और आम लोगों की उदासीनता की वजह से सड़क हादसे कम नहीं हो पा रहे हैं।
ड्राइविंग लाइसेंस से पहले जहां टेस्ट की प्रक्रिया से गुजरना अनिवार्य है, वहीं लाइसेंस मिलने के बाद बहुत से लोग नियमों को गंभीरता से नहीं लेते। परिणामस्वरूप, यातायात नियमों के बार-बार उल्लंघन पर परिवहन विभाग के पास लाइसेंस निलंबित या निरस्त करने का अधिकार है। जनपद में इस समय कुल 192892 ड्राइविंग लाइसेंस धारक हैं, जिनमें 1,63,958 पुरुष और 28,934 महिलाएं शामिल हैं। वहीं वाहनों की संख्या की बात करें तो जिले में 255414 दुपहिया वाहन और 21536 कारें पंजीकृत हैं।
इस वर्ष एक जनवरी से 20 जून 2025 तक 52 लोगों के लाइसेंस निरस्त किए जा चुके हैं। जिनमें करीब 15 लाइसेंस गैर जनपद बरेली शाहजहांपुर आदि के निवासियों के थे। ऐसे चालकों के विरुद्ध भी कार्यवाही करते हुए रिपोर्ट संबंधित जिलों को भेज दी गई है। अधिकांश मामलों में एक माह के भीतर ही 10 से अधिक बार चालान काटे गए थे।
एक दर्जन स्कूल वाहनों पर का पंजीकरण रद्द
केवल आम वाहन चालक ही नहीं, स्कूली वाहनों पर भी विभाग की पैनी नजर है। फिटनेस जांच में फेल पाए जाने पर सात स्कूलों के 12 वाहनों का पंजीकरण रद्द किया गया। इनमें से अधिकांश वाहन पूरनपुर और शहर के स्कूलों के हैं। नोटिस मिलने के बाद पांच स्कूलों ने फिटनेस सुधार कर पुनः पंजीकरण करा लिया है, जबकि शेष अभी प्रक्रिया में हैं।
शहर में ई-रिक्शा बन रहे जाम की वजह
शहर में चल रहे ई-रिक्शा भी यातायात नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं। रेलवे स्टेशन से लेकर छिपियान मस्जिद रोड तक इनका अघोषित कब्जा रहता है। अधिकतर ई-रिक्शा चालकों के पास ड्राइविंग लाइसेंस तक नहीं है, और कुछ तो नाबालिग भी हैं। पूर्व में कई हादसे हो चुके हैं, लेकिन अब तक इन पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। विभाग द्वारा अब इन पर भी ध्यान केंद्रित किया जा रहा है, हालांकि रूट प्लान के अभाव में समस्या बनी हुई है।
