बरेली के मेयर उमेश गौतम के बेटे पार्थ गौतम ने अब समाजसेवा की राह थाम ली है। उन्होंने शनिवार को ‘युवा सेवक संघ’ नाम से एक नए संगठन की शुरुआत की, जो बरेली की नौ विधानसभा सीटों पर जरूरतमंदों की मदद करेगा। यह संगठन अब तक कैंट विधानसभा में सक्रिय था, लेकिन अब इसे पूरे जिले में विस्तार दिया जा रहा है।
पार्थ गौतम ने बताया कि वह पिछले एक साल से चुपचाप समाजसेवा में जुटे हुए थे, हालांकि इसे प्रचारित नहीं करना चाहते थे। लेकिन अब उन्होंने तय किया है कि सेवा को संगठित रूप दिया जाए, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों तक मदद पहुँच सके। उन्होंने कहा कि अब तक उनके संगठन के माध्यम से सात हजार से ज्यादा लोगों को शीतल जल उपलब्ध कराया गया।
दिवाली पर ‘घर-घर दिवाली’ अभियान के तहत जरूरतमंद परिवारों के घर रोशनी और मिठाई पहुँचाई गई। ठंड के मौसम में उन्होंने 15 हजार कंबल और 20 हजार लोगों को टोपी और जैकेट वितरित किए। होली पर गरीबों को गुजिया बाँटी गई और 250 बच्चों को शिक्षा की सुविधा मुहैया कराई गई।
इस मौके पर जब पार्थ से राजनीति में आने को लेकर सवाल पूछा गया, तो उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि उनका उद्देश्य राजनीति नहीं, बल्कि समाजसेवा है। उन्होंने कहा, “मैं नेता नहीं, जनता का बेटा बनना चाहता हूँ। अगर कभी जनता समाजसेवा के लिए मुझे राजनीति में लाना चाहेगी, तब सोचूंगा।”
पार्थ की इस पहल पर उनके पिता और बरेली के मेयर उमेश गौतम ने भी खुशी जताई और कहा कि युवा सेवक संघ समाज के लिए एक मिसाल बनेगा। उन्होंने पार्थ के जज़्बे की सराहना करते हुए कहा कि जब युवा समाजसेवा की ओर कदम बढ़ाते हैं, तो बदलाव अपने आप होने लगता है।
पार्थ गौतम का यह कदम आज के युवाओं को एक नई दिशा दे सकता है – जहाँ नारा नहीं, सेवा बोलती है। उनके कामों में केवल मदद नहीं, एक भावनात्मक जुड़ाव भी दिखता है।
