बरेली। पवित्र नर्मदा नदी से अपने आप शिवलिंग आकार लेते हैं। चट्टानों से लुढ़कते हुए विभिन्न आकार वाले पत्थर काफी समय बाद अपने आप शिव बन जाते हैं, ऐसा नर्वदेश्वर शिवलिंग ऐतिहासिक मोहल्ला जगतपुर में स्थापित है। 21 कुंटल वजन वाला यह शिवलिंग आकर्षित करता है। इसका स्पर्श करने मात्र से आप कुछ एहसास करेंगे।
प्राचीन मंदिर नए स्वरूप में
करीब 200 वर्ष पुराना शिव मंदिर जर्जर, खस्ताहाल था। पिछले 3 वर्षों से जीर्णोद्धार हो रहा है। शिव भक्त बिना किसी दान राशि लिए अपने संसाधनों से ही इसे तैयार करा रहे हैं। इसका अरगा भी 21 कुंटल है। सावन में श्रद्धालु विभिन्न पवित्र नदियों से जलाकर अभिषेक कर रहे हैं। मंदिर नाथ नगरी बरेली में अपना स्थान रखता है।
होती है पूरी मनोकामना
जीर्णोद्धार हेतु आधारशिला 2 वर्ष पहले कनिष्ठ जगतगुरु शंकराचार्य व राम जन्मभूमि न्यास के वरिष्ठ उपाध्यक्ष स्वामी आत्मानंद सरस्वती महाराज जी द्वारा रखी गई। उन्होंने ही कहा था कि, यह मंदिर नाथ नगरी बरेली में अपनी अलग पहचान रखेगा। यहां ध्यान, दर्शन से शिवार्चन करने से मनोकामनाएं पूरी होंगी।
प्राचीन मंदिर ऐतिहासिक क्षेत्र में था लेकिन, जीर्णक्षीर्ण था इसके जीर्णोद्धार हेतु प्रमुख लोग जुड़े जो अब आकर्षण बना हुआ है।
विजय कुमार -प्रबंधक
पुराना शहर नहीं बल्कि जनपद में ऐसे नर्मदेश्वर भगवान शिव संभवता नहीं है। यहां पूजा पाठ करने से अलग अनुभूति होती है।
आचार्य मुकेश मिश्रा -पुजारी
