-पुराणों के अनुसार यह है रुद्राभिषेक का महत्व
-शिवपुराण के रुद्रसंहिता के अनुसार, सावन माह में रुद्राभिषेक करना विशेष फलदायी होता है। सर्वदेवात्मको रुद्र: सर्वे देवा: शिवात्मका: अर्थात् सभी देवताओं की आत्मा में रुद्र उपस्थित हैं और सभी देवता रुद्र की आत्मा में हैं। रुद्राभिषेक में भगवान शिव के रुद्र अवतार की पूजा होती है. यह भगवान शिव का प्रचंड रूप होता है।
कहा जाता है कि सावन माह में रुद्र ही सृष्टि का कार्यभार संभालते हैं। रुद्राभिषेक से अशुभ ग्रहों का प्रभाव कम होता है और व्यक्ति को कई तरह की समस्याओं से मुक्ति मिलती है. साथ ही परिवार में सुख-समृद्धि और शांति बनी रहती है।

*ऐसे करें राशिफल के अनुसार अभिषेक*
मेष -बेलपत्र, चंदन और लाल कमल,गुलहड़ पुष्प से शिव की पूजा- अर्चना करें। साथ ही जल में गुड़ मिलाकर भगवान शिव का रुद्राभिषेक करें।
वृष -भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए गाय के दूध, दही, सफेद फूल, गंगाजल आदि से पूजा करें। इत्र और दही से शिवलिंग का अभिषेक करें।
मिथुन -भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए भांग, धतूरा, कुश, मूंग और दूब घास से पूजा- अर्चना करें। साथ ही गन्ने के रस से भगवान शिव का रुद्राभिषेक करें।
कर्क -सफेद फूल, चंदन, इत्र, गाय का दूध, भांग आदि चढ़ाएं। साथ ही दूध और दही से शिवलिंग का अभिषेक करें। ऐसा करने से आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होंगी।
सिंह -शिव पर मदार का फूल, गेहूं, लाल कमल चढ़ाएं। साथ ही शिवलिंग पर पानी में गुड़ डालकर अभिषेक करें और ऊं नम शिवाय का जाप करें।
कन्या -भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए भगवान शंकर पर भांग, बेलपत्र, दूब, पान, धतूरा आदि अर्पित करें। ऐसा करने से आपको भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त होगा। वहीं गन्ने के रस से अभिषेक कर सकते हैं।
तुला-इत्र से शिवजी का अभिषेक करें या गंगाजल में चंदन मिलाकर अर्पित करें। वहीं उन पर सफेद चंदन, गंगाजल, दही, शहद, श्रीखंड आदि चढ़ाएं। ऐसा करने से आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो सकती हैं।
वृश्चिक -भोलेनाथ पर लाल गुलाब या कोई लाल कनेर, बेलपत्र अर्पित करें। साथ ही पंचामृत से अभिषेक करें और ऊं नम: शिवाय का जाप करें।
धनु -पीले फूल या पीला गुलाब, पीले फूलों की माला, बेलपत्र, पीला चंदन अर्पित करें। साथ ही पीला चंदन जल में डालकर अभिषेक करें।
मकर-नीलकमल या नीले फूल, बेलपत्र, शमी के पत्ते, भांग, धतूरा आदि चढ़ाने चाहिए। साथ ही जल में काले तिल डालकर अभिषेक करना चाहिए। ऐसा करने से आपको शनिदेव के साथ भोलेनाथ की कृपा प्राप्त होगी।
कुंभ -भांग और धतूरा अर्पित करना चाहिए। साथ ही शमी के फूल चढ़ाएं और शिव जी का काले तिल डालकर अभिषेक करें।
मीन -नागकेसर और पीली सरसों अर्पित करनी चाहिए। साथ ही पीले फूल, गन्ने का रस, केसर या दूध में केसर मिलाकर अभिषेक करना चाहिए।