मुजस्सिम खान,
समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता मोहम्मद आजम खान की एक वीडियो वायरल हो रही है जिसमें उन्होंने अपने ड्रीम प्रोजेक्ट मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी को लेकर एक दर्दमंद अपील की है। उन्होंने जौहर यूनिवर्सिटी के वातावरण और विशेषकर दीक्षा पर जोर देते हुए लोगों से जौहर यूनिवर्सिटी में अपने बच्चों को शिक्षा दिलाने की अपील की और जौहर यूनिवर्सिटी की तालीम और तरबियत की दुहाई दी।
आजम खान ने लोगों से अपील की है कि इस यूनिवर्सिटी को बचाने के लिए जरूरी है इसमें अधिक से अधिक विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण करें तभी इसके अस्तित्व को बचाया जा सकेगा। आजम खान सत्ता परिवर्तन के बाद बीते कुछ वर्षों में प्रदेश में हुए जौहर यूनिवर्सिटी पर बीते हालात का जिक्र करना नहीं भूले।आजम खान ने अपने वायरल वीडियो के दौरान कहा मैं आजम खान आपसे मुखातिब हूं और आप जानते हैं कि मेरी सारी जिंदगी और जिंदगी का अमल एक आईने की तरह आपके सामने हैं और आज भी सब आपके सामने हैं और इससे आप मेरे आने वाले कल का अंदाजा लगा सकते हैं मुझ पर मेरे अपनों पर, मेरे प्यारो पर, जो गुजरे हुए चार-पांच सालों में जो हुआ है वह किसी से छुपा हुआ नहीं है और गालीबान यह ऐसी अफसोस नाक तारीख है जिसमें आने वाला कल हिंदुस्तान में निजामे जमुह्री पर जरूर तंकीद करेगा और कुछ ना कुछ अपनी राय पेश करेगा।
मेरा मकसद शुरू से यही था कि जो लोग कमजोर हैं बहुत नजरअंदाज हैं और किसी मकसद के तहत पूरी दुनिया में बिल्खुसूस हमारे वतन में एक खास तबके को पीछे रखने के लिए जो मनसूबा बना हुआ है उसका मुकाबला भी किसी गैर मंसूबा तारीख से नहीं किया जा सकता। लाजिम था, लाजिम है और आने वाले वक्त में शायद यही उसूल कामयाबी से होगा कि हम अपने आने वाले कल की नस्लों के लिए कोई ऐसा नक्शा तैयार करें जिसमें उनके लिए ज्यादा आसानीया ना हो तो वह सक्तियो को सहन कर सके और एक नॉर्मल जिंदगी गुजार सकें।
हमारे बच्चों के अंदर सलाईयतो की कमी नहीं है उन्हें मौका नहीं मिलता, खूबियों की कमी नहीं है उन्हें मौका नहीं मिलता, आगे बढ़ने की और हौसलों की कमी नहीं है उन्हें मौका नहीं मिलता, यह मौका मिले हम इसके लिए कोशिश करें और तालीमी इदारे कायम करे मैं उन तमाम लोगों से साहिबे हैसियत लोगों से, चाहे जो ताकत में है चाहे वह सियासी तौर पर हो, माली तौर पर हो, अफसर हो, रिटायर्ड हो, सर्विस में हो, जो जज्बा रखते हैं सिर्फ अपनी ड्राइंग रूम में डिस्कस करने लेने की हद तक हो, राय देने की हद तक हो, ऐसे राय से कोमो की तरक्की नहीं मिलती, कोमे तो बहुत बड़ी चीज है किसी कबीले, किसी घर की भी तरक्की नहीं मिलती, इरादा करें अगर मेरे जैसा कमजोर आदमी इतने बड़े मिशन को यहां तक पहुंचा सकता है तो मेरे ही पड़ोस के जिले में ना जाने कितने रईस रहते हैं मेरे मुल्क में मेरे प्रदेश में न जाने कितने लोग दौलतमंद रहते हैं न जाने कितनी ऐसी ऑर्गेनाइजेशन है जिनके पास बहुत वसाइल हैं लेकिन उनका सही इस्तेमाल नहीं है यहां तक कि हमारे जकात का पैसे का भी सही इस्तेमाल नहीं है हालांकि हम अपने दौलत का या जकात का सही खर्च करने का अपनी शान और शौकत पर खर्च करने का रिहाइश पर खर्च करने का, अपनी जिंदगी की देखभाल पर खर्च करने का पैसा अगर एक हिस्सा भी आने वाली नस्ल को पढ़ाने के लिए करें तो यह बड़ी खिदमत होगी, यह खिदमत तो नहीं कहता एक कोशिश है यह यूनिवर्सिटी बनाई है, स्कूल बनाए हैं यह बात भी सही है कि उसके साथ बहुत नजेबा सुलूक हो रहा है हम कैसे बर्दाश्त कर रहे हैं हमें तो अपनी कुआंते बर्दाश्त पर कभी-कभी हैरत भी होती है कि हम हड्डी गोश्त के बने हुए इंसान है भी या नहीं कोई पत्थर की पहाड़ी तो नहीं है कोई फौलाद का दरिया तो नहीं है।
हमारे अंदर एहसास भी है हमें तकलीफ होती है अंगारा हमारे सर पर रखा जाता है तो उसकी तबीयत भी महसूस होती है लेकिन यह सब कुछ बर्दाश्त करते हैं क्योंकि जो हमने अपने आपसे ahad लिया है मेरे अपनों ने जो अहद मुझे दिया है जो हमारे साथ जेलों में रहे आज भी हैं जिन्होंने सख्तियाँ सही आज भी वह सख्तियाँ सहन कर रहे हैं जो बर्बाद कर दिए गए लेकिन उन्होंने शिकायत का मौका नहीं दिया बहुतो ने दिया भी, बहुतो ने तेजाब के पार की लेकिन बहुत से ऐसे हैं जिन्होंने बहुत तकलीफ के वक्त में भी साथ नहीं छोड़ा है और उन्हीं की मोहब्बत में हम ऐसे खड़े हैं। आपसे बस एक अपील करना चाहते हैं यह तालीम के साथ, तरबियत गाह भी है और यह आपकी आने वाली नस्लों का सुनहरा मौका है इसे टूटने ना दें कोई दौलत कोई ताकत शायद अब इसे उतना नहीं बचा सकती जिसे student की तादाद से बचा सकती है आपके बच्चे आपकी बच्ची है यही चाहते हैं कि उन्हें बाहर जाने का मौका मिले घर से निकलने का मौका मिले लेकिन वह नहीं जानते कि चंद सालों में जो उनकी जिंदगी है वह उनकी कब्र तक जाने वाले जिंदगी पर बहुत भारी पड़ सकती है आप पर जिम्मेदारी हैं उनकी बेहतरी के लिए और उनके कल के लिए आप सोचें जो आपकी तालीम घर आपके आसपास बने हुए हैं वहां का माहौल देखें वहां का अखलाक देखें वहां पर जीने मरने और सही से चलने के तरीके देखें आपको अंदाजा होगा कि हम खुद अपने आप को जानबूझकर जहन्नुम की आग में झोंक रहे हैं।
फिर एक बार आप जौहर यूनिवर्सिटी भी आकर देखिए यहां का माहौल देखिए, यहां की खुशनुमा फिजाओं को देखिए, यहां के ठंडे माहौल को देखिए, यहां की हरियाली देखिए और हमारी तबियत को देखिए और यह भी जान लीजिए और हमारे यहां से पास आउट होने वाले स्टूडेंट बेकार नहीं फिर रहे हैं हम यहां प्लेसमेंट का कोई भी काम नहीं कर रहे हैं मुस्तकबिल में क्या होगा यह नहीं जानते लेकिन mazi में नहीं करते रहे हैं इसके बावजूद हमारे यहां के पास आउट जज भी हैं इसरो में भी हैं।
विधानसभाओं में ज्वाइंट सेक्रेट्री के पद पर भी हैं हिंदुस्तान के बाहर अच्छी-अच्छी जगहों पर भी हैं और अगर मैं आपसे यह कहूं कि सिर्फ वही बच्चा खाली मिलेगा आपको जिसने सर्विस ना करनी चाही हो वरना हमारे यहां के पास कोई खाली नहीं है हमारे यहां पैरामेडिकल में, फार्मेसी में, एग्रीकल्चर में उनका कोर्स खत्म होने से 6 महीने पहले अप्वाइंटमेंट लेटर आ जाते हैं मालूम है लोगों को कि हमारे यहां पढ़ाई होती है हमारे यहां फीस अटेंडेंस बढ़ाने के लिए नहीं ली जाती बल्कि बच्चों को तालीम देने के लिए फीस ली जाती है आप एक बेहतर माहौल बेहतर मुस्तकबिल के लिए अपने आने वाली नस्लों का ख्याल रखिए उनके लिए बेहतर फैसला कीजिए।
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