बरेली : रियल जिंदगी में बाउंसर बनने का सपना है या फिर सलमान के बाउंसर जैसा दिखना है तो आपको हर रोज 12 अंडे एक किलो नॉनवेज के साथ जिम में भी खूब पसीना बहाना पड़ेगा। यह कहना है शहर के टॉप बाउंसर में गिने जाने वाले नाजिम खान का है। आम लोगों की तरह दिखने वाले नाजिम ने भी बाउंसर बनने के लिए जमकर पसीना बहाया है। उन्होंने भी सलमान की फिल्म बॉडीगार्ड से प्रभावित होकर उन जैसी बॉडी बनाई , अपना डाइट चार्ज को अपनी जरूरत के मुताबिक किया। नाजिम के मुताबिक अपने दिन की शुरुआत जिम से करते है। लेकिन शॉप पर काम करने की वजह वह सुबह जिम जाने की जगह शाम को जाना पसंद करते । वह जिम में केवल दो घंटे तक वर्कआउट करते है।
इसके बाद वह घर पर आकर सुबह के नाश्ते में हल्का दलिया , दूध , अंडे , ब्राउन ब्रेड , फल को लेकर अपने दिन शुरुआत करते है। इसके बाद वह शॉप जाकर अपने काम को देखते है। दोपहर में खाने में नाजिम फलों में सेव ,पपीता ,प्रोटीन के साथ दो रोटी , चावल ,ग्रीन सैलेड , कटलेट , दही भी लेते है । हालांकि डाइट को मौसम अनुसार एडजस्ट भी किया जाता है। इसके बाद करीब 5 बजे के आसपास ब्राउन ब्रेड , 6 अंडे या फिर चिकन लेना जरुरी होता हैं। रात के खाने में करीब आधा से एक किलो चिकन के साथ कुछ रोटियां साथ में उनके खाने में उबला हुआ खाना भी अधिकतर रहता हैं। पार्टियों में मिलने वाले खाने से परहेज भी रखना होता है ताकि पेट नहीं निकले।
बाउंसर के लिए ट्रेनिंग की होती है जरूरत
बरेली के बाउंसर नाजिम खान बताते है कि बाउंसर बनने के लिए ट्रेनिंग की जरूरत होती है। यह ट्रेनिंग महानगरों में ही संभव है। पर बरेली में ऐसा कोई संस्थान नहीं है जो बाउंसर बनाने का काम करता हो। बरेली में बाउंसर बनने के लिए अपने सीनियर से मदद ली जाती है। सीनियर बाउंसर उन्हें बताते है कि वीआईपी के लिए किस तरह सुरक्षा देना और किन बातों पर ध्यान देना है। इस काम के लिए हमेशा अलर्ट रहना पड़ता है। जरा सी चूक वीआईपी के लिए भारी पड़ सकती हैं। बाउंसर को यह भी ध्यान में रखना पड़ता है कौन उनके पास घूम रहा है। कौन कौन पार्टी में है। किसका व्यवहार बार बार बदल रहा है।
फिटेनस अच्छी होने पर बाउंसर की बढ़ती है डिमांड
बाउंसर नाजिम यह भी बताते ही कि बाउंसर की फिटनेस उसे अच्छे रेट दिलाती है। अगर एक बाउंसर मोटा और पेट निकला हुआ है तो उसे अच्छा पेमेंट मिलना मुश्किल होता है और धीरे धीरे उस का काम भी कम हो जाता है। इसलिए एक बाउंसर का फिट होना बहुत जरुरी है।
बाउंसर के लिए ड्रेस कोड होता है अनिवार्य
बाउंसर के लिए उनका ड्रेस कोड काफी अहमियत रखता है। बाउंसर हमेशा अपने ड्रेस कोड में ब्लैक कोट- पेंट ब्लैक सर्ट के अलावा सफारी सूट के साथ ब्लैक बूट को पहनना पसंद करते है।
बाउंसर की सेवाएं देने बरेली में है कई कंपनियां
बरेली शहर में मॉल होने के साथ कई वीआईपी अक्सर आते जाते रहते है ऐसे में उन्हें बुलाने वाले उनकी सुरक्षा पर विशेष ध्यान रखा जाता है। ऐसे में बाउंसर का इंतजाम शहर में हो जाता है। शहर में ऐसी 15 से अधिक कंपनियां है जो बाउंसर उपलब्ध कराती है। बाउंसर रखने वाली कंपनियां एक दूसरे के बाउंसर बुलाकर भी अपनी जरूरत को भी पूरा करते है।
एक बाउंसर एक दिन में कमाता यह
बाउंसर नाजिम खान बताते है कि बरेली शहर में बाउंसर को मिलने वाला मेहताना एक हजार से दो हजार के बीच रहता है , जबकि दूसरे शहरों में यह दो गुना हो जाता है। बरेली के बाउंसर थोड़ा सस्ते होने की वजह से दिल्ली और हरियाणा में काफी डिमांड रहती है।