कम उम्र में पिता खोने के बाद छोटे लाल ने राजनीति में लिखी सफलता की कहानी
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75 साल की उम्र में युवाओं जैसा जोश ,
बी.मनोहर
बरेली। मास्टर छोटे लाल बरेली की राजनीति के अखाड़े में मजबूत खिलाडी है। मास्टर छोटे लाल ने अपने जीवन में कामयाबी कोई आसानी नहीं प्राप्त की। उन्होंने संघर्ष किया और इसके बाद अपने जीवन को आसान बनाया। मास्टर छोटे लाल बताते है कि उनके ऊपर से पिता का साया कम ही उम्र में उठ गया था। उन्होंने शहर में ट्यूशन पढ़ाकर अपना करियर शुरू किया। बाद में वह शहर के केडीएम कॉलेज में मैथ के टीचर बने उसके बाद वह राजनीति में आये। उन्हें अपने राजनीति जीवन में मुलायम सिंह जैसे दिग्गज के साथ वीरपाल यादव जैसे मझे हुए खिलाड़ी का साथ मिला। कहा यह भी जाता है कि वह सपा पार्टी को उभारने के लिए मास्टर छोटे लाल ने बड़े काम किये। यही वजह रही मास्टर छोटे लाल को सपा टिकट पर नवाबगंज से विधायक बने और उन्होंने भाजपा के उस समय के उभरते हुए नेता भगवत शरण गंगवार को भारी मतों से हराया।
उन्होंने अपने जीवन में चार चुनाव लड़े लेकिन जीत उन्हें केवल एक बार हुई। मास्टर छोटे लाल गंगवार ने अपने जीवन से कभी राजनीति दूर नहीं होने दी। उन्होंने जनतादल -सपा -कांग्रेस -पीस पार्टी से होते हुए बसपा नया ठिकाना बनाया है। वह मानते है कि इस बार के समीकरण उनके साथ है मुस्लिम सपा से नाराज है जिनका वोट उन्हें मिलेगा। भाजपा उम्मीदवार छत्रपाल गंगवार बहेड़ी -पीलीभीत क्षेत्र से है। सपा-कांग्रेस गठबंधन का उम्मीदवार तो देश की जगह विदेश में अधिकतर रहते है। ऐसे में जनता की उनसे ज्यादा उम्मीदें है। दलित -मुस्लिम ,ओबीसी उन्हें इस बार अपना सांसद बनाकर ही दम लेंगे। मास्टर छोटे लाल सेवेंटी प्लस होने के बावजूद युवाओं की तरह जोश से लगे हुए है। वह जल्दी सुबह को अपने कार्यालय में बैठ जाते है और पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ प्रचार की योजना में बनाने में जाते है। इसके बाद वह क्षेत्र में प्रचार के लिए जुट जाते है।
मास्टर छोटे लाल गंगवार का परिचय
पिता : लेखराज
निवासी : ग्राम चेना ,तहसील नवाबगंज बरेली
सर्विस : वर्ष 1974 से वर्ष 2009 तक केडीएम में गणित के टीचर रहे।
राजनीति करियर :
1980 में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में पहला चुनाव नवाबगंज से लड़ा
1989 जनता दल के प्रत्याशी के रूप में नवाबगंज से चुनाव लड़ा
1991 में जनता दल के प्रत्याशी के रूप में नवाबगंज से चुनाव लड़ा
1991 में सपा के नवाबगंज प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा
1993 में सपा के नवाबगंज प्रत्याशी के रूप में दूसरा चुनाव लड़ा
1996 में सपा पहली बार विधायक बने
1999 में सपा के टिकट पर चुनाव हार गए
2002 में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े
2007 में नवाबगंज से राष्ट्रीय लोक दल से चुनाव लड़ा
2009 में कांग्रेस पार्टी से पीलीभीत से चुनाव लड़ा
2011 में राष्ट्रीय लोकमंच से चुनाव लड़ा
2012 में पीस पार्टी के टिकट पर नवाबगंज से चुनाव लड़ा

Author: newsvoxindia
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