फतेहगंज पश्चिमी। कस्बे में मोहर्रम के अवसर पर अकीदत और गम का माहौल उस वक़्त चरम पर पहुंच गया जब रविवार को “मेरा हुसैन ज़िंदा है” की सदाओं के साथ मातमी धुनों पर जुलूस निकाला गया। मोहर्रम की दसवीं तारीख को कस्बे और आस-पास के गांवों से आए ताजिए, मोहब्बत और एहतराम के साथ जामा मस्जिद, लोधीनगर चौराहा और जानकी देवी पावर हाउस होते हुए कर्बला की ओर रवाना हुए।
शनिवार रात को ही नौ तारीख की शब भर कस्बे की गलियों और इमामबाड़ों में चहल-पहल और सजावट देखने को मिली। इस दौरान भारी भीड़ रही, जिसमें सभी संप्रदायों के लोगों ने सामाजिक सौहार्द का परिचय दिया।
दसवीं मोहर्रम पर मोहल्ला अंसारी, कपड़ा बाजार में सभी ताजिए एकत्र हुए, जहाँ से जुलूस शुरू होकर जामा मस्जिद और लोधीनगर चौराहे तक पहुंचा। वहीं ठिरिया खेतल और कुरतरा गांव के ताजियों का मिलन हुआ। बाद में कुछ ताजिए जानकी देवी बिजली घर तक जाकर अपने-अपने इमामबाड़ों को लौट गए, जबकि शेष ताजिए कर्बला की ओर ले जाए गए।
इस मौके पर पुलिस, बिजली विभाग और राजस्व विभाग पूरी तरह मुस्तैद नजर आए। जुलूस की निगरानी पुलिस ने अपने कैमरों से की और शांति व्यवस्था बनाए रखी। जुलूस के सुचारु संचालन के लिए हुसैनी कमेटी ने भी अहम भूमिका निभाई।
बेहतर तालमेल और सहयोग के लिए हुसैनी कमेटी ने पुलिस प्रशासन को सम्मानित किया। इस दौरान मोहम्मद तस्लीम, इसरार हुसैन, एडवोकेट इमरान अंसारी, अजीम अंसारी, फैजुल अंसारी, सरदार अजहरी, हाजी इतवारी, शाहिल अंसारी, आरिफ प्रधान, मुश्ताक सकलैनी, आकिब सकलैनी, अदीब अंसारी सहित तमाम अकीदतमंदों ने सहयोग किया।
