बरेली। विकसित भारत-विकसित उत्तर प्रदेश 2047 के विजन को साकार करने के उद्देश्य से कलेक्ट्रेट सभागार में जिलाधिकारी अविनाश सिंह की अध्यक्षता में बैठक आयोजित हुई। बैठक में “विकसित उत्तर प्रदेश 2047 – समृद्धि का शताब्दी पर्व महाअभियान” के अंतर्गत सुझाव आमंत्रण अभियान पर विस्तार से चर्चा की गई।
जिलाधिकारी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की दूरदर्शी पहल के तहत देश और प्रदेश को वर्ष 2047 तक एक विकसित राष्ट्र के रूप में स्थापित करने का लक्ष्य तय किया गया है। इसके लिए सरकार नागरिकों से उनके मूल्यवान सुझाव आमंत्रित कर रही है ताकि विकास की योजना जनता की सहभागिता से तैयार हो।
उन्होंने सभी अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे अपने-अपने विभागों, स्टाफ, योजनाओं के लाभार्थियों और आम नागरिकों को इस अभियान से जोड़ने के लिए प्रेरित करें।
डीएम ने बताया कि कोई भी नागरिक https://samarthuttarpradesh.up.gov.in पोर्टल पर या क्यूआर कोड स्कैन कर 31 अक्टूबर तक अपने सुझाव ऑनलाइन दर्ज करा सकता है। इन सुझावों को “विकसित भारत-विकसित उत्तर प्रदेश 2047” के विजन डॉक्यूमेंट में शामिल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह प्रत्येक नागरिक के लिए गर्व का अवसर है कि वह देश के विकास पथ को दिशा देने में अपना योगदान दे।
बैठक में बताया गया कि विजन डॉक्यूमेंट को तीन प्रमुख थीम—अर्थ शक्ति, सृजन शक्ति और जीवन शक्ति—के साथ 12 प्रमुख क्षेत्रों जैसे कृषि, उद्योग, स्वास्थ्य, शिक्षा, पर्यटन, समाज कल्याण और सुशासन पर केंद्रित किया जाएगा।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी देवयानी, अपर जिलाधिकारी नगर सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे। जिलाधिकारी ने आईएमए, बार एसोसिएशन, एयरपोर्ट प्राधिकरण, उद्यमियों और स्वयंसेवी संस्थाओं से भी अधिक से अधिक लोगों को इस अभियान में जोड़ने की अपील की।
