बरेली में सितंबर में हुए हिंसक बवाल के मामले में इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल (IMC) प्रमुख मौलाना तौकीर रजा की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। फतेहगढ़ सेंट्रल जेल में बंद मौलाना को मंगलवार को सीजेएम कोर्ट में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश किया गया, जबकि उनके सहयोगियों को अदालत में फिजिकल रूप से पेश किया गया। कोर्ट ने मौलाना की न्यायिक हिरासत 11 नवंबर तक बढ़ाने का आदेश दिया है।
मौलाना तौकीर रजा पर 26 सितंबर को बरेली में हुई हिंसा को भड़काने का आरोप है । दरसल यह बवाल “आई लव मोहम्मद” पोस्टर विवाद के बाद शुरू हुआ था। प्रशासन ने नवरात्र और उर्स के चलते प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी थी, लेकिन मौलाना ने सोशल मीडिया पर वीडियो जारी कर प्रशासन को खुली चुनौती दी। इसके बाद बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर उतरे और भीड़ ने पथराव, फायरिंग और पेट्रोल बम से हमला किया। पुलिस ने हालात काबू करने के लिए लाठीचार्ज किया था।
इस हिंसा के दौरान खलील तिराहे से लेकर नौमहला मस्जिद, कोतवाली क्षेत्र , नॉवेल्टी चौराहा और श्यामगंज तक अफरातफरी फैल गई थी। मौलाना के खिलाफ कोतवाली में छह मुकदमे दर्ज हैं, जिनमें दंगा भड़काने, साजिश रचने और धमकी देने जैसी गंभीर धाराएं शामिल हैं। पुलिस विवेचक लगातार जेल जाकर पूछताछ कर रहे हैं और चार्जशीट की तैयारी की जा रही है।
मौलाना के कई करीबी नेता और IMC पदाधिकारी भी जेल में बंद हैं। अब तक 105 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रशासन ने करीब 250 करोड़ रुपये की संपत्तियों पर कार्रवाई की है, जिसमें डॉ. नफीस का बारातघर और सपा पार्षद का अवैध चार्जिंग स्टेशन भी शामिल है।



