पीलीभीत : पूरनपुर खुटार रोड़ पर बीच स्थित त्रेतानाथ मंदिर श्रद्धालुओं के बीच श्रद्धा का खास केंद्र है । यहां दर्शन के लिएबड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं।इतिहासकार इस मंदिर में स्थापित शिवलिंग को त्रेतायुग का बताते है। मान्यता है कि जिस जगह मंदिर है वहां पहले जंगल था और यहां गांव के लोग अपने पशु चराने आया करते थे। मोहराई गांव के मिडईलाल को तब आत्मज्ञान प्राप्त हुआ , जब बेल के पेड़ पर टंगा जल शिव¨लिंग पर गिर गया और कुछ बेलपत्र भी चढ़ गए। अनपढ़ होते हुए भी वे कविता करने लगे। तब से ही यहां की मान्यता बढ़ गई।
श्रद्धालुओं ने यहां साफ सफाई करके मंदिर को भव्य तरीके से बनवाया। वर्तमान समय में मंदिर परिसर में धर्मशाला, बाउंड्रीवाल, पक्का फर्श व ब्रह्मदेव स्थल बना हुआ है। यहां आने वाले भक्तों की मुराद बाबा पूरी करते हैं। भजन कीर्तन भंडारा एवं कथा भागवत के कार्यक्रम भी निरंतर चलते रहते हैं। यहां जंगल में मंगल नजर आता है। वही सावन मास में इस पवित्र स्थल को बेहतर ढंग से साफ सुथरा रखा जा रहा है। सावन के महीने में हर दिन मेले जैसा माहौल रहता है. सावन के सोमवार को यहां तिल रखने की जगह नहीं रहती है। प्रतिदिन पूजा सामग्री बेलपत्र आदि की उपलब्धता भी यहां रहती है। मंदिर के पुजारी पंडित राम गोपाल पांडे विधि विधान से पूजा कराते हैं। कांवरियों के जलाभिषेक के लिए भी खास व्यवस्था यहां की गई है। पुजारी ने बताया कि त्रेतायुग का प्राचीन शिव¨लग यहां स्थापित है। तभी मंदिर का नाम त्रेतानाथ पड़ा। बाबा सच्चे मन से मन्नत मांगने वालों की हर मनोकामना पूरी कर रहे हैं। इसी के चलते मान्यता निरंतर बढ़ रही है। सावन मास भर मेला रहता है। रात को भी श्रद्धालु भजन कीर्तन करते रहते हैं। मंदिर पर बेहतर साफ-सफाई भी कराई जा रही है।
ग्राम महुआ गुन्दे निवासी भाजपा के मंडल महामंत्री अचलेन्द्र मिश्र अचल ने बताया कि यहाँ आने बाले सभी भक्तों की मनोकामना पूर्ण होती है। उन्होंने यह भी बताया कि पास मैं सिद्ध बाबा का स्थान है जहां रोज सुबह बाबा के दर्शन करने सिंहराज आते है हर किसी को दिखते नही जो बाबा के सच्चे भक्त है। उन्ही को वह दिखाई देते है। बाबा त्रेतानाथ नाथ मंदिर मे शिवलिंग पर रोज सुबह जल चढ़ा मिलता है।
