जानिए कौन है ट्विन टावर का मालिक , किसने लड़ी सुपरटेक के खिलाफ लड़ाई ,

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यूपी के नोएडा में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर रविवार को  सुपरटेक का 32 मंजिला ट्विन टावर को जमींदोज कर दिया गया।  पहले से तय वक्त के मुताबिक टावर को विदेश -देशी एक्सपर्ट की मदद से मात्र 8 सेकेंड में ध्वस्त किया  गया। हालांकि देश में यह पहली अपने तरह की कार्रवाई बताई जा रही है। इस इमारत को भ्रष्टाचार की नींव पर बनाया गया था इसमें  नोएडा विकास प्राधिकरण के कर्मचारियों ने भी अनदेखी की गई थी।  बिल्डर के खिलाफ सोसायटी के लोगों ने सड़क से लेकर कोर्ट तक लड़ाई थी जिसका परिणाम आज यह निकला माननीय कोर्ट के आदेश पर ट्विन टावर को ध्वस्त कर दिया गया। इस ध्वस्तीकरण में अफ्रीकन मूल के इंजीनियर के साथ स्थानीय अधिकारियों ने अपना योगदान दिया।
जानिए कौन है इस टावर का मालिक , कैसे शुरू हुआ विवाद 
देश के नामी गिरामी  बिल्डर आर के अरोड़ा की कंपनी सुपरटेक ने ट्विन टावर का निर्माण कराया था।   टावर के लिए सुपरटेक ने  23 नवंबर 2004 में  अपना प्रोजेक्ट शुरू किया था । नोएडा प्राधिकरण ने सेक्टर  93 ए में  9 मंजिल टावर के बनाने की जगह 14 मंजिला टावर बनाने की अनुमति दी थी।  जमीन आवंटन के दो साल बाद 29 दिसंबर 2006 में अनुमति में संसोधन किया गया और सुपरटेक को 11 मंजिल तक फ्लैट बनाने की अनुमति दी। इसके साथ टावरों की संख्या भी बढ़ाई गई।  इसके बाद कुछ ही सालों में टावर बनने की संख्या 32 तक जा पहुंची। जिसके खिलाफ स्थानीय स्तर पर शिकायतें हुई और कंपनी के खिलाफ कई आम नागरिक मिलकर कोर्ट तक पहुंचे। कि टावर बनाने में हुए भ्रष्टाचार की परतें एक के बाद एक एक खुलने के बाद कोर्ट ने दोनों टावरों को गिराने के आदेश दे दिए।
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Author: newsvoxindia

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